रील बनाओ, समय बिताओ!

आजकल हर कोई सोशल मीडिया पर अपना अधिकतम समय और डाटा व्यतीत कर रहा है। इसमें सबसे अधिक समय फेसबुक में बिताया जा रहा है। बच्चा हो, युवा हो, अधेड़ या फिर बुजुर्ग हर व्यक्ति लगा हुआ है। मार्क जुकरबर्ग और एलेन मस्क यह दो मसखरे पूरी दुनिया को उल्लू बनाने में इतने माहिर हो गए हैं कि इनका कोई उत्तर नहीं! सर्व प्रथम भारतीयों के साथ-साथ दुनिया को चाइना ने टिक-टॉक नाम का एक एप दिया जिसमें हर उम्र, हर नस्ल, हर जाति, हर रंग के नर नारी, दुबले, पतले, मोटे, भद्दे अपने अंदर के छुपे हुए कलाकार को इस पर हंसाया या रुलाया करते थे! जब इसमें अश्लीलता की चाशनी आने लगी तो भारत सरकार ने इस एप को प्रतिबंधित कर दिया। उसके बाद हिंदुस्तानियों ने इसी तर्ज पर अनेकों एप बना डाले जहां अपनी मन चाही रिल्स बना कर दुनिया को पकाया जा सकता है!
आज स्थिति यह हो गई है कि आप जब भी फेसबुक या इंस्टाग्राम चालू करते हैं तो एक दो पोस्ट के बाद रिल्स दिखने लगती हैं, जिसको देखते ही हर कोई उसको देख कर हंसने लगता है और उसी में उलझ कर रह जाता है! यह एक ऐसा शक्तिशाली चक्रवात है! जो व्यक्ति को उस समय तक उलझाए रखता है जब तलक मुकेश अंबानी आपको यह संदेश नहीं भेज देता कि आपका आज का हाई स्पीड डाटा पचास प्रतिशत खत्म हो चुका है इसको पुन: पाने के लिए दी गई लिंक पर क्लिक कर सौ रुपए का रिचार्ज करें! लेकिन कई लोग इस ओर ध्यान ही नहीं देते और लगातार रील देखते रहते हैं। नतीजा पूरा डाटा खत्म!
अब इसके पीछे छुपे इनके इरादों की ओर भी प्रकाश डाल लिया जाए। रील के रंगीन सपनों में आपको लपेटने के पीछे जो उद्देश्य है, वह यह है कि दुनिया में हम यह सिद्ध कर चुके हैं कि भारतीय लोगों में बौद्धिक क्षमता अन्य देशों की तुलना में अत्यधिक है। कौन नहीं जानता कि अमरीका में अधिकांश भारतीय वैज्ञानिक एडॉक्टर, इंजीनियर, साफ्ट वेयर इंजीनियर, राजनीतिज्ञ और हर क्षेत्र में लोहा मनवा रहे हैं। इसी बौद्धिक क्षमता को प्रभावित करने के लिए इन रील के माध्यम से लोगों को उलझाए रखें ताकि ये दिमाग से बट्ठर हो जाएं! हमारी रचनात्मकता समाप्त हो जाएं, हम रील देखने में इतने मस्त हो जाएं कि चाइना और अन्य पड़ोसी दुश्मन देश हमारे देश में घुस जाए। जवान रील देखता रहे!
इसका सीधा लाभ अंबानी जैसे सेठों को हो रहा है! पांच रुपए का डाटा हजारों में बिक रहा है! प्रतिदिन बैठे बिठाए अवैतनिक कर्मचारी हजारों करोड़ का कारोबार करवा रहे हैं! तो मार्क जुकरबर्ग इनका साथ क्यों नहीं देगा? एलेन मस्क के एक्स पर घुस कर देखिए आपको अश्लीलता का पूरा खुला बाजार मिल जाएगा! जिसमें युवा वर्ग पूरे जीवन को बर्बाद कर रहा है। नीले जहर की ऐसी मंडी और कहीं इतनी फली फूली नहीं मिलेगी। देश की सरकार जान कर भी अनजान बनी हुई है! शायद यह भी इस रोज़गार को ही उदारपूर्ती का साधन समझ रही है? वैसे भी सरकार अस्सी करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए वचनबद्ध है तो फुरसत के इन क्षणों को मनोरंजन में बिताने का कोई तो मध्यम चाहिए ही! सो रील देखिए, बनाइए और बनिए कलाकार!

-मोती महल गायत्री नगर, 
पिपलिया मंडी ज़िला मंदसौर (म.प्र.)
 पिन 458664