विकसित भारत मामूली आदमी को लेकर आगे बढ़े

भारत में प्रादेशिक चुनाव हों या लोकसभा चुनाव, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तैयारी पूरे दम-खम से रहती है। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपने मंत्रियों से नई सरकार के लिए पहले सौ दिन और पांच साल के लिए रोडमैप तैयार करने को कहा। इससे पहले उन्हीं की अध्यक्षता में कैबिनेट ने विकसित भारत-2047 के विज़न दस्तावेज़ पर विचार-विमर्श किया था। तब उनका कथन था कि वह न छोटा सोचते हैं न मामूली सपने देखते हैं और न ही मामूली संकल्प करते हैं, क्योंकि 2047 में उन्हें विकसित भारत को देखना है। इस सबसे साफ पता चलता है कि फिलहाल 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर वह न तो ज्यादा चिंतित हैं, न घबराये हुए। वह आश्वस्त हैं और भारत के विकास का सपना देख रहे हैं।
गरीबी हटाओ का नारा इंदिरा गांधी जी ने दिया था। लोगों को भावुक भी किया परन्तु सिस्टम कुछ ऐसा रहा कि गरीब अधिक गरीब होते चले गये और अमीर अधिक अमीर। आज भी करोड़पतियों, अरबपतियों का भारत में इज़ाफा हो रहा है। गरीब मेहनतकश लोग अपने भाग्य का मान करते हुए संघर्षरत हैं। भाजपा सरकार का दावा है कि पिछले दस सालों में मोदी सरकार ने चार करोड़ गरीब लोगों को घर बनवा कर दिये हैं। सरकार 83 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रही है। नल जल योजना के तहत 75 प्रतिशत ग्रामीणों तक पाइप लाइन से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक रसोई गैस के कनैक्शन दिए जा चुके हैं। इसी तरह स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत देश भर में करोड़ों शौचालय बनाये गये। गरीबी उन्मूलन की दिशा में कदम तो उठाये गये हैं। आज जन-धन बैंक खातों का इस्तेमाल कर सरकारी योजनाओं की सबसिडी, छात्रवृत्ति, पैन्शन जैसी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचने लगा है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने विभिन्न योजनाओं के 7.16 लाख करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किये हैं। सबसे बुरी दशा गरीब के बीमार पड़ने की रही है। उसका काम छूट जाता है। अस्पतालों का उपचार इतना महंगा है कि वह उपचार की सोच भी नहीं पाता। सरकारी अस्पतालों की भीड़ और लापरवाही त्रस्त करती है। लाखों परिवारों को उपचार के लिए कज़र् लेना पड़ता है। कई बार तो उन्हें अपनी ज़मीन-जायदाद से हाथ धोना पड़ता है। सरकार का दावा है कि आयुष्मान योजना के तहत इस संकट को दूर किया जा रहा है।
यह विकासशील भारत है। निश्चित रूप से हम आगे जा रहे हैं। हम 20वीं से पांचवीं अर्थ व्यवस्था बन गये हैं। लेकिन हमारा हर काम हर गरीब, हर पिछड़े हुए, हर बीमार के लाभ के लिए होना चाहिए तभी प्रधानमंत्री की गारंटी का लाभ होगा।