उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्गों तक पहुंच बढ़ा रहा ‘इंडिया’ गठबंधन

मध्य उत्तर प्रदेश के अवध, दोआब तथा बुंदेलखंड क्षेत्रों में चुनावों के रुख को देखते हुए कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के ‘इंडिया’ गठबंधन नेताओं ने भाजपा के गैर-यादव ओ.बी.सी. तथा गैर-जाटव दलित मतदाताओं तक अपनी साझी पहुंच बढ़ा दी है। दलितों तथा अन्य पिछड़ी जातियों के समुदायों तक पहुंच बनाने के लिए सपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भीषण गर्मी में मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए अभियान पर भेजा है। बुधवार को खड़गे ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साथ एक संयुक्त प्रैस कांफ्रैंस को सम्बोधित करते हुए नये चुनावी वादों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यदि ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आया तो वह गरीबों को प्रत्येक माह 10 किलो मुफ्त राशन अर्थाता भाजपा सरकार की 5 किलो योजना से लगभग दोगुना अनाज देंगे। प्रैस कांफ्रैंस के बाद खड़गे ने प्रदेश में कई और रैलियों को भी सम्बोधित किया। उधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कन्नौज, मैनपुरी, बदायूं, फिरोज़ाबाद तथा आज़मगढ़ में अपने परिवार के पांच सदस्यों को टिकटें दिए जाने के अतिरिक्त और उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से परहेज़ किया है। इसके बजाय सपा ने कुरमी, कुशवाहा, मौर्य तथा शाकिया जैसी अन्य जातियों से 25 प्रतिनिधियों को मैदान में उतारा है। 
मोदी द्वारा पवार व उद्धव को  निमंत्रण
शरद पवार की टिप्पणी कि चुनावों के बाद कई क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस के निकट आ सकती हैं, ने एन.सी.पी. (एस.पी.) के कांग्रेस में सम्भावित विलय के कयास को जन्म दिया है। 
ऐसा प्रतीत होता है कि यह शरद पवार के उस बयान का परिणाम है, जिस कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एन.सी.पी.(एस.पी.) के प्रमुख शरद पवार तथा शिवसेना (यू.बी.टी.) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को सलाह दी थी कि वे अपनी पार्टियों का क्रमश: अजित पवार के नेतृत्व वाली एन.सी.पी. तथा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में विलय करके भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो जाएं। टिप्पणियों के इस आदान-प्रदान ने महाराष्ट्र की राजनीति को गर्मा दिया है, जो पहले से ही चल रहे लोकसभा चुनावों में गर्म है। भाजपा के कुछ भीतरी लोगों का मानना है कि मोदी का पवार तथा उद्धव को राजग में शामिल होने का निमंत्रण उनके पार्टी कार्यकर्ताओं में भ्रम पैदा करने की एक राजनीतिक चाल है, जो उनके प्रति वफादार बने हुए हैं। 
मोदी की सलाह को खारिज करते हुए पवार ने कहा कि वह नेहरू-गांधी विचारधारा को कभी नहीं छोड़ेंगे और वह उन लोगों से हाथ नहीं मिलाएंगे, जो मुस्लिम विरोधी रुख धारण करते हैं। उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी की टिप्पणियों से भाजपा की ‘घबराहट’ झलकती है। 
प्रियंका के प्रचार में लगे सपा कार्यकर्ता
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अमेठी तथा रायबरेली में लगातार नुक्कड़ सभाओं तथा रैलियों को सम्बोधित करते हुए ज़ोरदार प्रचार चला रही हैं। उनकी सार्वजनिक रैलियों की एक खास विशेषता सपा के लाल टोपी पहने कार्यकर्ताओं की मौजूदगी है। सपा कार्यकर्ता अधिक से अधिक संख्या में शामिल हो रहे हैं और यह सुनिश्चित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवार रायबरेली से राहुल गांधी तथा अमेठी से किशोरी लाल शर्मा बड़े अंतर से जीतें। प्रियंका गांधी ने सोमवार को अमेठी के लोगों को राजनीति की विरासत को वापिस लाने की अपील की, जो उनके स्वर्गीय पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने चुनाव क्षेत्र की सेवा के लिए शुरू की थी। (आई.पी.ए.)