मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री क्यों देखना चाहते हैं देशवासी ?

हमारे विशाल और विविधताओं वाले देश के लोग मौजूदा चुनावों के दौरान सत्ता के शीर्ष पद पर कोई बदलाव नहीं करना चाहते हैं, यह अपने आपमें अनोखा उदाहरण है। लोकसभा चुनाव के दौरान तमाम तरह की अटकलबाजियों, अनुमानों, पूर्वानुमानों, आरोप-प्रत्यारोपों के बावजूद देश के लोग प्रधानमंत्री पद पर नरेन्द्र मोदी को लगातार तीसरी बार देखने के लिए लालायित दिखते हैं। विभिन्न मुद्दों पर लोगों की राय अलग हो सकती है लेकिन प्रधानमंत्री के लिहाज से आम राय मोदी के पक्ष में ही जा रही है।
सवाल उठता है कि आखिर क्यों देश के लोग मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं? पिछले चुनाव में भाजपा के 303 सांसद जीतकर आए थे। उनमें से किसी के खिलाफ मतदाताओं में नाराज़गी न हो, ऐसा तो संभव ही नहीं है लेकिन विपक्षी दल इस ओर ध्यान न लगाकर मोदी की निंदा में ही लग गए। विपक्ष के पास मोदी विरोध के अलावा कोई एजेंडा ही नहीं रहा माहौल ऐसा बन गया है जिसमें लोगों को इस बात से सरोकार ही नहीं रहा कि लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवार कौन है। उन्होंने मोदी को वोट देने का मन बना लिया है जिससे यह चुनाव भी 2014 और 2019 के चुनावों की तरह मोदी केन्द्रित होकर रह गया है। चुनाव प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और मतदाता इस फैसले पर कायम कि उसे वोट मोदी को देना है। लोग मोदी के जरिए विकसित भारत का सपना देख रहे हैं।
हर सरकार की कुछ खूबियां होती हैं तो कुछ कमियां होना भी लाज़िमी है। विपक्षी दल अगर उदाहरण सहित सरकार की कमियां लेकर मतदाताओं के बीच जाते तो शायद कुछ हद तक फायदे में रहते लेकिन उन्होंने सिर्फ मोदी को निशाना बनाया जो मतदाताओं को पसंद नहीं आया है। इसमें कोई दो राय नहीं कि देश में आज भी मोदी लहर है और लोग मोदी के खिलाफ सुनना पसंद नहीं करते। मोदी की यही कमाई है। मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री दस साल पूरे कर लिए हैं और इस दौरान उन्होंने अपनी विशिष्ट शैली से देशवासियों के दिलों पर छाप छोड़ी है। दस साल पहले जब मोदी प्रधानमंत्री बने थे, तब देश की हालत क्या थी और अब उसमें क्या बदलाव आया है, यह साफ तौर पर दिखता है। देश निराशा और हताशा के वातावरण से बाहर आया है। देश में सकारात्मक वातावरण बना है। लोग आत्मविश्वास से लबरेज हैं। पूरी दुनिया में भारत की धाक है। मोदी की बदौलत देश की राजनीति, सत्ता के चरित्र और प्रशासन के काम करने की शैली में आमूल-चूल बदलाव आया है।
मोदी सरकार का 10 साल का बेदाग कार्यकाल सराहनीय है।  25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने इस बात पर मुहर लगाई है। देश को महाघोटालों और आतंक से मुक्ति मिली है, गरीबों का जीवन बेहतर करने की दिशा में कदम बढ़े हैं। एक ओर जहां विपक्षी दलों के नेता अपने परिवार के विकास पर ध्यान देते रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास’ के तहत देश के 140 करोड़ लोगों का ख्याल रखा है। मोदी ने शासन व्यवस्था में परिवर्तन की अलख जगाई, उससे समावेशी, विकासोन्मुख और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की ओर कदम बढ़ाना संभव हुआ है। यह मोदी की दूरदर्शिता ही है, जिससे अंत्योदय के उद्देश्य को साकार करने और समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सरकार की योजनाओं से लाभान्वित करने में कामयाबी मिली है।
पिछले दस सालों में मोदी ने लक्ष्यबद्ध तरीके से काम किया है जिससे आम आदमी की हालत सुधरी है। देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम ने देश को तरक्की की सीढ़ियों पर चढ़ाया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के छोटे किसान 6 हजार रुपए की वार्षिक सहायता पा रहे हैं।  ड्रोन के इस्तेमाल की बदौलत खेती में नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से देश के ज़रूरतमंद वर्ग को राहत मिली है। उज्ज्वला योजना ने महिलाओं के जीवन को बदला है। रसोई गैस, स्वच्छ पेयजल, बिजली, पक्के मकान, शौचालय आदि की व्यवस्था से महिलाएं खुलकर मोदी के पक्ष में आ खुड़ी हुई हैं। सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान ने नई राह दिखाई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा ने आम आदमी को कर्ज के बोझ तले दबने से बचा लिया है। ऐसे ही प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना और देश की बड़ी आबादी को सुरक्षित करने के उद्देश्य से चलाई गई प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना ने आम लोगों को सम्बल प्रदान किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करोड़ों लोगों का अपने घर का सपना साकार हुआ है। देश की अर्र्थ व्यवस्था तेज़ी से मजबूत हो रही है। एक समय था, जब देश का सोना गिरवी रखना पड़ा था लेकिन पिछले दस साल में भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती ने नया उदाहरण पेश किया है। देश की सीमाएं सुरक्षित हैं और देश के भीतर लोग शांति और सुकून से जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
मोदी ने दस सालों में जो काम किया है, उसकी वजह से तो लोग लगातार तीसरी बार मोदी को प्रधानमंत्री देखना चाहते ही हैं, इसके साथ-साथ लोगों को यह भी विश्वास है कि आने वाले सालों में मोदी के नेतृत्व में ही देश आगे बढ़ सकता है। मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य तय किया है, उससे लोगों में मोदी का आकर्षण और बढ़ा है। लोग मानते हैं कि आने वाले समय में मोदी के नेतृत्व में देश न केवल विकास की ओर बढ़ेगा, बल्कि विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में भी समर्थ हो जाएगा। लोगों में यह सोच मोदी के कश्मीर से धारा 370 का खात्मा करने, पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर जवाब देने, भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक मुहिम जैसे कामों के कारण बनी है, जिन्हें मुश्किल ही नहीं, असंभव भी माना जा रहा था। मोदी काल में राष्ट्रवाद की भावना का विस्तार विलक्षण उदाहरण है।
अभी चुनाव प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है लेकिन तेज़ रफ्तार से काम करने के लिए विख्यात मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में क्या-कुछ करना है, इसका खाका बना भी लिया है। इससे पता चलता है कि मोदी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और यह आत्मविश्वास 140 करोड़ देशवासियों के प्यार और स्नेह की बदौलत उपजा है। हाल में एक इंटरव्यू में मोदी ने कहा है कि मेरे तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों का खाका तैयार है और मैं इस योजना में युवाओं के लिए 25 दिन और जोड़ने की योजना बना रहा हूं। सरकार के पहले 100 दिनों का एजेंडा तैयार करते समय देश भर के 20 लाख से अधिक लोगों से सुझाव लिए गये। मोदी के पास 2014 में पांच साल के लिए एक घोषणा पत्र था। 2019 में मोदी ने वैश्विक तस्वीर पर ध्यान आकर्षित किया। 2024 में उनकी सोच बड़ी और दीर्घकालिक है। इसी के तहत मोदी ने लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के लिए ‘400 पार’ का लक्ष्य निर्धारित किया और अपने अभियान को ‘विकसित भारत’ रोडमैप के इर्द-गिर्द केंद्रित किया। 75 सालों में मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जो इस कदर आगे की सोच कर चल रहे हैं। यकीनन, इस कवायद के अच्छे परिणाम सामने आएंगे। देश आगे बढ़ेगा, देशवासी खुशहाल होंगे और समूचे विश्व में भारत की साख में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी।