बचपन सुरक्षित विकास का सबसे महत्वपूर्ण समय
आज विश्व बाल कोष दिवस पर विशेष
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष को हम यूनिसेफ के नाम से भी जानते है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूनिसेफ को बाल अधिकारों के संरक्षण, समुचित विकास के अवसर उपलब्ध करने, बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने में मदद देने तथा प्रतिभा के सर्वांगीण विकास का दायित्व सौंपा है। दुनियाभर में 11 दिसम्बर को ‘विश्व बाल कोष’ दिवस आयोजित किया जाता है। इस वर्ष की थीम बच्चों को पिछले दो सालों में महामारी के दौरान हुई रुकावट और सीखने के नुकसान से उभरने में मदद करना रखी गई है। यूनिसेफ दिवस दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह बच्चों के अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है और यह बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए काम करने के लिए एक अवसर प्रदान करता है। यूनिसेफ शब्द का मतलब है संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन निधि और इस संगठन का उद्देश्य दुनिया भर में बच्चों को मानवीय सहायता प्रदान करके उनके जीवन को बचाना है। यह बच्चों के अधिकारों की रक्षा भी करता है और बचपन से लेकर किशोरावस्था तक उनकी क्षमता को पूरा करने में उनकी मदद करता है। यूनीसेफ का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। यूनिसेफ 190 से अधिक देशों और बच्चों के जीवन को बचाने उनके अधिकारों की रक्षा करने बचपन से किशोरावस्था तक अपनी क्षमता को परिपूर्ण करने में उनकी मदद करने के लिए काम करता है। यूनिसेफ सभी बच्चों की रक्षा करने हेतु सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने और नीतियों को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर के भागीदारों के साथ काम करता है।
बचपन सुरक्षित विकास का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इस दौरान उनके शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और शैक्षिक विकास को एक सुरक्षित वातावरण की ज़रूरत होती है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अर्थ केवल दुर्घटनाओं से बचाना नहीं, बल्कि उन्हें हर प्रकार के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक खतरों से सुरक्षित रखना भी है। यदि बच्चों का बचपन सुरक्षित रहेगा, तो उनके भविष्य की नींव मज़बूत बनेगी। भारत में गरीबी कुपोषण, अशिक्षा, अंधविश्वास, सामाजिक कुरीति, बाल विवाह और बाल मज़दूरी बचपन के सबसे बड़े दुश्मन है। आज़ादी के 76 साल के बाद भी हम इनसे निजात नहीं पा सके है। बच्चे देश का भविष्य है यह सुनते सुनते हमारे कान पक चुके है। मगर देश के कर्णधार आज तक बचपन को सुरक्षित जामा नहीं पहना पाए है। इससे अधिक हमारा दुर्भाग्य क्या हो सकता है।
यूनिसेफ की रिपोर्ट का अनुमान है कि यदि सरकारों ने अपना रवैया नहीं बदला, तो साल 2030 तक दुनिया में उपचार योग्य बीमारियों के चलते 6.9 करोड़ बच्चों की मौत पांच साल से कम उम्र में ही हो सकती है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य शिशुओं की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाना और शिशुओं की उचित देखभाल करके उनके जीवन की रक्षा करना है। स्वास्थ्य संबंधी देखभाल न होने के कारण यह समस्या और भी विकराल होती जा रही है।
बच्चों को हर प्रकार की सुविधा सुलभ करने की यूनिसेफ के साथ हम सब की महती जिम्मेदारी है। बच्चों का सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना हमारे समाज की जिम्मेदारी है। यदि हम सब मिलकर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे, तो उनके लिए एक बेहतर और सुरक्षित कल का निर्माण कर सकेंगे। आइए यूनिसेफ दिवस पर हम यह संकल्प लें कि हर बच्चे को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने में अपना योगदान देंगे।