दिल्ली के बाद

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली हार के बाद पार्टी हाईकमान ने जहां चिन्तन मंथन का सिलसिला शुरू किया है, वहीं पंजाब में अपनी सरकार की कारगुज़ारी को और बेहतर बनाने के लिए भी यत्न शुरू कर दिए हैं। इस संबंध में ही 11 फरवरी को दिल्ली के कपूरथला हाऊस में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा पंजाब के सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ एक विशेष बैठक की गई।
इस बैठक में इस बात पर विशेष रूप से ज़ोर दिया गया है कि पंजाब सरकार की कारगुज़ारी को और बेहतर बनाया जाए तथा इस संबंध में सामने आ रहीं कमियों-कमज़ोरियों को दूर किया जाए। श्री केजरीवाल ने पंजाब के मंत्रियों और विधायकों को दिल्ली में हुई हार के बाद हिम्मत और ढांढस बनाए रखने के लिए भी कहा। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली चुनाव में उनकी ओर से डाले गए योगदान के लिए उनका धन्यवाद भी किया। श्री केजरीवाल ने उन्हें यह भी कहा है कि वे पंजाब के विकास के लिए डट कर काम करें और लोगों की दरपेश समस्याओं को हल करने की ओर पूरा-पूरा ध्यान दें। इस संबंध में पार्टी हाईकमान द्वारा भी उन्हें पूरा-पूरा सहयोग दिया जाएगा। इस बैठक के बाद आम आदमी पार्टी पंजाब के वरिष्ठ नेताओं ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह कहा कि पंजाब सरकार पूरी तरह स्थिर है, उसे किसी ओर से ़खतरा नहीं है। उन्होंने इस संबंध में विपक्षी दलों की ओर से लगाये जा रहे अनुमानों को पूरी तरह रद्द किया। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी समय में पंजाब के विकास हेतु एक ऐसा मॉडल तैयार किया जाएगा, जो देश के लिए भी एक उदाहरण बनेगा। नि:संदेह दिल्ली में पार्टी की हुई हार से पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। इसके बाद पंजाब ही एक ऐसा राज्य है, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है और उसके पास 93 विधायकों का समर्थन है। सरकार की स्थिति उसे अपने शेष 2 वर्ष के कार्यकाल में पंजाब और पंजाब के लोगों के कल्याण हेतु काम करने का एक उचित अवसर प्रदान करती है।
इस संबंध में हमारा यह स्पष्ट परामर्श है कि आम आदमी पार्टी के केन्द्रीय नेताओं और आम आदमी पार्टी की पंजाब की लीडरशिप को खुले मन से पार्टी के भीतर पंजाब सरकार की पिछले 3 वर्षों की कारगुज़ारी और अपनाई गई नीतियों के संबंध में खुल कर चर्चा करनी चाहिए और सरकार की कारगुज़ारी को बेहतर बनाने के लिए ठोस फैसले लेने चाहिएं। आम आदमी पार्टी के लिए यह भी समझना बेहद ज़रूरी है कि लोगों के हित में लिए गए ठोस और व्यवहारिक फैसले ही किसी सरकार को मज़बूत बनाते हैं। सही क्रियान्वयन से ही लोगों का समर्थन हासिल होता है। पंजाब इस समय बहुत-सी समस्याओं से घिरा हुआ है। कृषि एक बड़े संकट का सामना कर रही है, जिस कारण किसान आन्दोलन के मार्ग पर हैं। पंजाब औद्योगिक पक्ष से भी बेहद पिछड़ा हुआ है, जिस कारण रोज़गार के अधिक अवसर पैदा नहीं हो रहे। इसी कारण राज्य के ज्यादातर युवा जायज़-नाजायज़ ढंग से विदेशों में जाने के प्रयास में लगे रहते हैं। इस रूझान के कारण पंजाब अपने युवाओं की प्रतिभा का लाभ लेने से भी वंचित होता जा रहा है। जो युवा विदेश जाने में असमर्थ रहते हैं तथा उनके पास कोई अच्छा रोज़गार नहीं होता, उन्हें समाज विरोधी देश-विदेश की ताकतें अपने बुरे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का यत्न करती हैं। गैंगस्टरवाद और राज्य में बढ़ रहे नशों के प्रचलन को इस सन्दर्भ में ही देखा और समझा जा सकता है। पंजाब में भूमिगत पानी भी बेहद नीचे जा रहा है। यदि कृषि में विभिन्नता नहीं लाई जाती और विशेष रूप से धान की काश्त कम नहीं की जाती तो कुछ ही वर्षों में पंजाब के लोगों को कृषि तो क्या पीने के लिए पानी हासिल करने में भी बड़ी मुश्किल आएगी। अमन-कानून की स्थिति भी बेहद गम्भीर है। लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। पंजाब सरकार स्वयं बड़े वित्तीय संकट का भी सामना कर रही है, इसलिए जहां उसे राज्य के विकास के लिए और स्रोत बढ़ाने की ज़रूरत है, वहीं स्रोतों का उचित इस्तेमाल करना भी बेहद ज़रूरी है।
नि:संदेह 2022 में आम आदमी पार्टी को लोगों ने 92 विधायक जिताकर एक बड़ा ़फतवा दिया था। अब जबकि आम आदमी पार्टी की राज्य सरकार अपना 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुकी है तो उसे अपने शेष 2 वर्षों में प्रभावी ढंग से काम करके जहां पंजाब को पुन: विकास के मार्ग पर लाना होगा, वहीं राज्य में अमन-कानून की स्थिति बेहतर बना कर और अन्य समस्याओं का हल करके राज्य में एक ऐसा वातावरण स्थापित करना होगा, जिससे राज्य में अधिक से अधिक पूंजी निवेश हो सके और देश-विदेश में रोज़गार के लिए भटकते युवाओं को यहीं पर सम्मानजनक रोज़गार मिल सके। यह आगामी समय ही बताएगा कि पार्टी अपनी पंजाब सरकार को और बेहतर ढंग से चलाने के लिए आने वाले समय में कौन-से प्रभावशाली फैसले लेती है।

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