मानवता का हनन

इज़रायल और हमास के बीच लड़ाई जारी है। 7 अक्तूबर, 2023 को हमास के लड़ाकों ने इज़रायल पर हमला किया था, जिसमें 1000 से अधिक लोगों को मार दिया गया था और कुछ सैकड़ों लोगों को बंधक बना कर गाज़ा पट्टी में ले जाया गया था, जहां पिछले दशक भर से हमास लड़ाके काबिज़ हैं और इस छोटी-सी पट्टी में लगभग 25 लाख फिलिस्तीनी बसे हुए हैं, जिन पर इज़रायल लगातार हमले कर रहा है। अब तक गाज़ा में हज़ारों फिलिस्तीनी मारे गए हैं। ईरान इन हमास लड़ाकों की हर तरह से पूरी सहायता करता आ रहा है। यही एक बड़ा कारण है कि विगत दिवस इज़रायल ने मिसाइलों और अन्य ़खतरनाक हथियारों से ईरान पर हमला किया था।
गाज़ा पट्टी में हमास ने इज़रायली बंधकों को छोड़ने से इन्कार कर दिया है। जिस कारण अब इज़रायल ने गाज़ा पट्टी में अपने हमले और भी तेज़ कर दिए हैं। इन दोनों पक्षों की लड़ाई में जिस तरह वहां बसे हुए आम फिलिस्तीनी पिस रहे हैं, उनकी वार्ता बेहद दु:ख देने वाली और जन-साधारण के लिए वहां की स्थितियां बेहद दयनीय बनी हुई हैं। इज़रायल ने गाज़ा पट्टी की सैनिकों द्वारा पूरी तरह घेराबंदी करके बहुत ही कम मात्रा में खाद्य सामग्री भेजने की इज़ाज़त दी है। संयुक्त राष्ट्र के अब तक इस संबंध में सभी यत्न बुरी तरह विफल हुए प्रतीत होते हैं। पट्टी में एक तरह से अकाल की स्थिति बनी हुई है।  लोगों को यह पता नहीं चल रहा, कि वह क्या करें और किधर जाएं? वे दोनों ओर से पूरी तरह पिसते जा रहे हैं। स्थिति का दु:खांत यह है कि जो भी खाद्य सामग्री बड़े अन्तर्राष्ट्रीय यत्नों से वहां भेजी जा रही है, उसे लेने के लिए अक्सर भगदड़ मच जाती है, जिससे प्रतिदिन फिलिस्तीनी लोगों के मारे जाने के समाचार आ रहे हैं। 
अब तक भोजन लेने के लिए कतारों में लगे और भीड़ में फंसे लगभग 500 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इज़रायल का यह दावा है कि हमास लड़ाके घरों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य ऐसे स्थानों पर छिप कर इज़रायली सेना के साथ लड़ रहे हैं। चाहे उनका अब तक बहुत बड़ा नुक्सान हो चुका है, परन्तु उन्होंने गाज़ा-पट्टी खाली न करने की अपनी ज़िद्द नहीं छोड़ी, जिस कारण इज़रायली सैनिक उन्हें निकालने के लिए गाज़ा पट्टी के इलाके पूरी तरह खाली करवा रहे हैं। वहीं इसके साथ-साथ स्कूलों, कालेजों और अन्य प्रत्येक तरह के संस्थानों पर भी भारी बमबारी करते आ रहे हैं, जिसमें निरन्तर सैकड़ों ही लोग मारे जा रहे हैं। अमरीका पर इस मामले को हल करने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय दबाव है। इसलिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ लगातार बातचीत जारी रख रहे हैं। 
नेतन्याहू इस समय के दौरान कई बार अमरीका का दौरा भी कर चुके हैं। आगामी सोमवार को वह एक बार फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को वाशिंगटन में मिलने जा रहे हैं, परन्तु इससे पहले उन्होंने गाज़ा पट्टी में अपनी लड़ाई और भी तेज़ कर दी है। अब उन्होंने फिलिस्तीनियों को यह आदेश दिया है कि आगामी दिनों में वह उत्तरी गाज़ा के बड़े क्षेत्र को खाली कर दें, ताकि वहां से हमास का सफाया किया जा सके। फिलिस्तीनी इस लड़ाई के दौरान लगातार उजड़ रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें इस बात का भी विश्वास नहीं है कि कब वे इज़रायली बमों के हमले का शिकार हो जाएं। आश्चर्यजनक बात यह है कि प्रतिदिन मानवता के हो रहे इस हनन को विश्व भर के देश मूक दर्शक बन कर देख रहे हैं। अब तक वे एकजुट होकर यह हिम्मत नहीं जुटा सके कि वे प्रतिदिन मारे जा रहे मासूम फिलिस्तीनियों को इन जल्लादों से मुक्त करवा सकें। विश्व भर के सभ्यक देशों के लिए इससे बड़ी शर्मनाक और नमोशीजनक बात क्या हो सकती है।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द

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