शेख हसीना पर कोर्ट का फैसला


कोर्ट में नहीं आने से ही साबित होता है कि शेख हसीना दोषी हैं। कोर्ट ने कहा कि पहले आरोप के तहत, शेख हसीना स्थिति को संभालने और हिंसा को रोकने की अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में विफल रहीं। साक्ष्यों से पता चलता है कि पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) भी दोषी हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि गृह मंत्री के आवास पर 19 जुलाई के बाद लगातार बैठक हुई। जिसमें छात्र आंदोलन को दबाने का आदेश दिया गया था। शेख हसीना ने एक कोर कमेटी को प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाने के निर्देश दिए, जबकि अवामी लीग समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों को सक्रिय रूप से परेशान किया। अदालत ने आईजीपी से पूछताछ की, जिन्होंने कथित कृत्यों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की।

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