लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका बजट’

जालन्धर, 1 फरवरी (जसपाल सिंह) : केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेतली द्वारा पेश किया गया अपनी सरकार का अन्तिम बजट लोगों को खुश करने की अपेक्षा निराश कर गया। कुछ राज्यों में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले वर्ष होने वाले लोक सभा चुनावों के दृष्टिगत लोगों को इस बजट से काफी आशाएं थीं व ऐसी सम्भावनाएं व्यक्त की जा रही थी कि मोदी सरकार आम लोगों के लिए अपना पिटारा खोल सकती है परन्तु ऐसा कुछ नहीं हो सका। हालांकि दबी जुबान में चुनावों के मद्देनज़र सरकार द्वारा विशेष वर्ग के लोगों को खुश करने की कोशिश की गई परन्तु प्रत्यक्ष रूप से लोगों के हाथ निराशा ही लगी है। यह विचार आज यहां ‘अजीत समाचार’ भवन में बजट पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की हुई विचार चर्चा दौरान उभर कर सामने आए। ‘अजीत समाचार’ वैब टी.वी. पर साथ-साथ दिखाई गई इस विचार चर्चा में प्रसिद्ध आर्थिक विशेषज्ञ प्रो. बिक्रम सिंह विर्क और उद्योगपति नरिन्द्र सिंह सग्गू ने भाग लिया, जबकि स्वर्ण सिंह टहणा ने इसका संचालन किया। प्रो. बिक्रम सिंह विर्क ने कहा कि हालांकि इस बजट को लोग विरोधी नहीं कहा जा सकता परन्तु इसके बावजूद इसमें कुछ भी नया न होने के कारण अधिकतर लोग इस बजट से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केवल किसानी को छोड़कर किसी अन्य वर्ग का बजट में कोई ध्यान नहीं रखा गया परन्तु जब तक वास्तविक तौर पर कार्य नहीं किया जाता, तब तक यह बजट किसानों के लिए भी कोई ज्यादा आकर्षण का केन्द्र नहीं कहा जा सकता, क्योंकि सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुणा करने का वायदा तो किया गया है तथा यह भी आश्वासन दिया गया है कि कम से कम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुणा किसान को दिया जाएगा परन्तु लागत किस तरह तय की जाएगी, इस बारे में कोई विस्तार नहीं दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को उम्मीद थी कि सरकार द्वारा आय कर सीमा बढ़ाई जाएगी परन्तु ऐसा नहीं किया गया, जिससे मूलभूत कर्मचारियों सहित अन्य वर्गों को कोई लाभ नहीं हुआ। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में भी जिस तरह सरकार से आशा थी, वह भी पूरी नहीं हो सकी। रेलवे बजट पर टिप्पणी करते हुये उन्होंने कहा कि बेशक सरकार द्वारा काफी बजट रखा गया है परन्तु रेलवे के मूलभूत ढांचे को सुधारने की आवश्यकता है व इस और ज्यादा से ज्यादा कार्य किया जाना चाहिए। प्रसिद्ध उद्योगपति स. नरेन्द्र सिंह सग्गू ने मौजूदा बजट को कार्पोरेट पक्षीय बताते हुए कहा कि लघु उद्योगपतियों के लिए इसमें कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि चाहिए तो यह भी था कि नए व नौजावन उद्यमियों को अपने कारोबार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता परन्तु ऐसा भी नहीं किया गया। इसी प्रकार बड़े उद्योग छोटे उद्योग पर हावी हो जाएंगे। जी.एस.टी. के बारे में बात करते हुये उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बिना तैयारी इसे लागू किए जाने से भी लघु औद्योगिक इकाइयों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि बड़े संस्थाओं के पास तो अपना पूरा प्रशिक्षित स्टाफ है परन्तु छोटे उद्योग इंटरनैट के चक्कर में ही उलझे हुये हैं। उन्होंने कहा कि बजट उद्योगिक क्षेत्र के लिए कोई विशेष उम्मीदें लेकर नहीं आया।