पेट्रोल, डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी तो घटाई, लेकिन रोड सैस लगाकर छीन ली खुशी

नई दिल्ली, 2 फरवरी (एजेंसी): पेट्रोल, डीज़ल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए नए बजट में इस पर एक्साइज ड्यूटी घटाने की उम्मीद की जा रही थी ताकि आम उपभोक्ताओं को महंगाई से कुछ राहत मिले। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बजट भाषण में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती और 6 रुपये के अतिरिक्त उत्पाद शुल्क हटाने का ऐलान किया भीए लेकिन लगे हाथ इस पर 8 रुपये का रोड एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस भी लगा दिया। यानी, एक्साइज ड्यूटी में 8 रुपये की कटौती की भरपाई सड़क एवं बुनियादी ढांचा उपकर लगाकर कर लिया गया। इससे पेट्रोल, डीजल के भाव पहले जैसे ही रहे। यानी, इस पूरी कवायद से आम जनता को कोई लाभ नहीं मिलने जा रहा है। दरअसल, पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के पीछे वित्त मंत्री अरुण जेतली की मंशा आम लोगों को राहत देने की नहीं थीए बल्कि उन्होंने यह कवायद पेट्रोल-डीज़ल पर शुल्क से राज्यों की हिस्सेदारी छीनकर केंद्र के हिस्से में डालने की लिए की थी। पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी से जुटाया गया पैसा राज्यों में भी बांटना पड़ता है, लेकिन सेस की पूरी रकम केंद्र सरकार ही रखेगी। सरकार का कहना है कि प्रति लीटर पेट्रोल, डीजल पर 8 रुपये सेस लगाकर जुटाई रकम सड़क और एवं अन्य बुनियादी ढांचों के निर्माण तथा इनके रख-रखाव में खर्च की जाएगी।