धन की लक्ष्मी का सिंहासन ‘कमल’

हिंदू मान्यता के अनुसार कमल धन की देवी लक्ष्मी का सिंहासन है । इसकी सुंदरता मनमोहिनी होती है इसीलिए कहा गया है कि कीचड़ में ही कमल खिलता है । कमल भारत का राष्ट्रीय फूल है । कृष्ण कमल की बनावट ऐसी है कि इसमें महाभारत काल के सम्पूर्ण महत्वपूर्ण पात्र समाहित हैं जैसे - कौरव, पांडव, ब्रह्मा, विष्णु, महेश एवं साक्षात् भगवान कृष्ण । यह फूल तीन वर्ष में एक ही बार पुरुषोत्तम मास में खिलता है। इस फूल में आसपास की बैंगनी पत्तियों की संख्या 100 होती है जो कौरवों की द्योतक मानी जाती है । इसके बाद उसके ऊपर पाँच हरे बड हैं जो पाँच पाँडव के प्रतीक हैं । फिर तीन छोटे-छोटे बड हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु, महेश के प्रतीक है, जो केंद्र में बीज विद्यमान हैं, वे साक्षात् भगवान कृष्ण स्वरूप हैं । शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान के गले में वैजयंती माला है जो कमल के बीजों से ही बनी है । कमल के बीज काफी सख्त होते हैं । न तो वे टूटते हैं और न ही सड़ते हैं । इन कमल के बीजों की चमक सदा बनी रहती है, जो मनुष्य के जीवन को प्रेरणा देती है कि समय चाहे जैसा हो, सदैव मुस्कुराते रहो । इसी तरह कीचड़ तथा दलदल में कमल का बीज सबसे बेहतर पनपता है । मनुष्य के जीवन में भी कुछ ऐसे ही उतार-चढ़ाव आते हैं । मनुष्य दुनिया में जहाँ भी जाता है, उसे गंदगी, बुराई और निंदा दिखाई देती है लेकिन जो मनुष्य इन बातों के बावजूद जीना सीख लेता है, हर क्षेत्र में वह सफलता पाता है । 
कमल के पत्ते एक से तीन फुट व्यास के गोलाकार, चिकने, चमकीले तथा तश्तरीनुमा होते हैं । कमल का फूल लगभग सौ किस्मों का होता है । इस पौधे के फूल, बीज, पत्तियाँ यहाँ तक कि जड़ें भी खाने के काम आती हैं । भारत तथा अन्य एशियाई देशों में कमल के फूल की गुलाबी पत्तियों को भोजन के ऊपर सजाने के काम में लाया जाता है तथा बड़ी-बड़ी पत्तियों को खाने की चीजें लपेटने के काम में लाया जाता है । जापान, भारत, चीन तथा कोरिया आदि देशों में कमल भोजन में किसी न किसी रूप में शामिल रहता है । कमल के बीज से मखाने जैसा सूखा मेवा तैयार किया जाता है। आयुर्वेद में कमल को शीतलता प्रदान करने वाला फूल माना गया है ।
भारतीय स्थापत्य में भी कमल को विशेष स्थान प्राप्त बताया गया है । मंदिरों के शिखर बंद कमल के आकार के बनाए जाते हैं । भारत के राष्ट्रीय चिन्ह में भी अशोक की लाट पर उल्टे कमल का चिन्ह अंकित है । धार्मिक चित्रों, मंदिरों की दीवारों, गुंबदों तथा स्तंभों में कमल के सुंदर अलंकरण मिलते हैं । अधिकांश हिंदू देवी-देवताओं को हाथ में कमल के साथ चित्रित किया जाता है ।
- रेणु जैन