1300 साल पुराने हिन्दू भट्टी राजा के किले के टिब्बे की खुदाई पर पाक ने लगाई पाबंदी

अमृतसर, 12 मार्च : पाकिस्तान के ज़िला लुधरां में 1300 साल पुराने हिन्दू भट्टी राजे मंगल राओ द्वारा बनाए किला तलवाड़ा के टिब्बे में तबदील हो चुके ढांचे की खुदाई पर पाबंदी लगाए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग के डायरैक्टर जनरल इजाज़ अहमद द्वारा लोकसेवा लुधरां नामी संस्था के अध्यक्ष वारिस मलिक की शिकायत पर ऐेतिहासिक टिब्बा तलवाड़ा की खुदाई को रोकने के लिए ज़िले के डिप्टी कमिश्नर को भी यह गैर-कानूनी गतिविधि रोकने के लिए आदेश जारी किए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार टिब्बा तलवाड़ा लुधरां ज़िले के पूर्व की ओर 32 एकड़ रकवे में फैला हुआ है। यह टिब्बा असल में तलवाड़ा किले का है जो कि हिन्दू भट्टी राजे मंगल राओ द्वारा निर्मित किया गया था। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह किला सम्राट अशोक द्वारा बनाया गया था। ताकी शमीम पुस्तक में किला तलवाड़ा को तावला लिखते हुए दावा किया गया है कि इस किले का नाम सम्राट अशोक के एक पुत्र तावला के नाम पर रखा गया था, परंतु भट्टियों ने यह किला फतेह करने के बाद इसका नाम बदल कर तलवाड़ा रख दिया। पहले यह पूरा क्षेत्र भट्टी राजाओं का हैडक्वार्टर था और गजनी के सुल्तान महमूद द्वारा हराये जाने के बाद मुल्तान के दक्षिण इलाके में चले गए। बताया जा रहा है कि टिब्बा तलवाड़ा एक पुरातत्व और ऐतिहासिक धरोहर होने के बावजूद इसे पाकिस्तान के पुरातनता एक्ट 1976 के तहत सुरक्षित स्मारक घोषित नहीं किया गया है, जिसके चलते स्थानीय लोगों द्वारा बिना किसी रुकावट के यहां अवैध निर्माण करने के साथ-साथ टिब्बे की मिट्टी ट्रालियों में भरकर ले जाई जा रही है। हड़प्पा म्यूज़ियम के कुरैक्ट हसन खोखर अनुसार तलवाड़ा के टिब्बों को पुरातनता एक्ट के अधीन न रखे जाने के बावजूद इनकी पुरातत्व महत्वता को कम नहीं स्वीकार किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भट्टी राजे के किले के उक्त टिब्बे की गैर-कानूनी ढंग से की जा रही खुदाई के चलते इस टिब्बे से संबंधित पुरातत्व प्रमाणिकता पूरी तरह से तबाह हो जाएगी।