खूबसूरती व हरियाली की मिसाल भारत के गोल्फ  कोर्स

भारत में गोल्फ  के खेल को लेकर भले ही लोगों में उतनी रुचि न हो लेकिन अगर बात गोल्फ  कोर्स की, की जाये तो इस मामले में भारत काफी धनी है। यहां कई ऐसे गोल्फ कोर्र्स मौजूद हैं जो खूबसूरती और हरियाली की मिसाल माने जाते हैं। देश में 10 छोटे बड़े गोल्फ कोर्र्स मौजूद हैं। यह गोल्फ कोर्र्स देश के उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम यानी देश के हर ओर मौजूद हैं। हर गोल्फ कोर्र्स एक अलग अनुभव देता है। यहां एक बार आने का मतलब है लौटकर जाने का मन न होना। चारों ओर ढेर सारी हरियाली और बारीक कटी घास के मैदान देखकर ऐसा लगता है जैसे हम भारत में नहीं बल्कि किसी खूबसूरत विदेशी धरती पर खड़े हैं। गोवा हो या दिल्ली गोल्फ कोर्र्स के मामले में ये तमाम जगहें वाकई धनी हैं। इसलिए अगर आप गोल्फ  खेलने या कोर्स की हरियाली देखने के जरा भी शौकीन हैं तो अपना गोल्फ बैग पैक करिये और एक छुट्टी को यादगार बनाने के लिए निकल पडं़े। लेकिन हां, कैमरा ले जाना बिल्कुल न भूलें क्योंकि वहां पहुंचकर आप हर नजारे को हमेशा के लिए कैद कर लेना चाहेंगे। यहां हम आपके लिए कुछ नामी गिरामी गोल्फ कोर्र्स का आंखों देखा हाल लेकर आये हैं। उम्मीद करते हैं कि इनकी जानकारी होने पर आप वहां जाये बिना नहीं रह पायेंगे।अगर आप असम घूमने जा रहे हैं तो डिगबोई का गोल्फ कोर्र्स देखने जरूर जायें। यहां की हरियाली देखकर आपको ऐसा लगेगा जैसे जन्नत में पहुंच गये हों। यकीन मानिये इससे पहले आपने इतनी हरियाली वाली जगह कहीं  नहीं देखी होगी। 18-होल यानी छेद वाले इस गोल्फ कोर्र्स का निर्माण 1943 में ब्रिटिश शासकों ने किया था। यह गोल्फ कोर्र्स चारों ओर चाय के बागानों से घिरा हुआ है। यह गोल्फ कोर्र्स दूसरे गोल्फ कोर्र्ें से बिल्कुल अलग है। इसे अलग बनाते हैं यहां चारों ओर मौजूद अलग अलग किस्म के ऊंचे-ऊंचे पेड़। यह गोल्फ कोर्र्स देखने में किसी साफ  सुथरे जंगल जैसा लगता है। हैरान मत होइयेगा अगर आपको गोल्फ  खेलते हुए अचानक ही सामने से हाथी आता हुआ दिखायी दे। इस गोल्फ कोर्र्स में आपको द्वितीय विश्व युद्ध के कुछ विनाशकारी साक्ष्य भी देखने को मिल जायेंगे। इसे देश के बेहतरीन गोल्फ कोर्र्स में से एक कहा जा सकता है।नीलगिरी की पहाड़ियों के पास बनें 6,000 फीट के वेलिंग्टन जिमखाना गोल्फ कोर्र्स की खूबसूरती वाकई शब्दातीत है। वेलिंग्टन  गोल्फ कोर्र्स वर्ष 1852 में बनाया गया था। यह लम्बे समय तक इंडियन डिफेंस सर्विस स्टाफ  का हेड क्वार्टर रहा है। कुछ समय के लिए यह भारतीय सेना की मद्रास रेजीमेंट का हैड क्वार्टर भी रहा है। पहाड़ी पत्थरों को करीने से सजाकर व 2100 फीट की ऊंचाई पर हैदराबाद का बोल्डर हिल्स गोल्फ  और कंट्री क्लब देश में बिल्कुल अलग किस्म का गोल्फ  क्लब है। इस गोल्फ  क्लब की खासियत है कि यहां मैदान में कई जगहों पर आपको छोटे व बड़े साफ  पानी के तालाब भी मिल जायेंगे। इस गोल्फ कोर्र्स में थोड़ी दूरी पर गोलकाेंडा किला भी बना हुआ है जो इस कोर्स की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। बड़ोदरा के बीचोंबीच बने गायकवार्ड बड़ौदा को देश का जादुई गोल्फ कोर्र्स कहा जाता है। इसकी खूबसूरती वाकई बेमिसाल है। इस गोल्फ कोर्र्स में गोल्फ  खेलने आने वाले यहां से जाने का नाम ही नहीं लेते हैं। इस गोल्फ कोर्र्स की सबसे बड़ी खासियत है यहां बना लक्ष्मी विलास पैलेस। इस समय इस गोल्फ कोर्र्स में 18-होल हैं। 1930 में बनाये गये इस गोल्फ कोर्र्स को बड़ौदा के राजा ने बनवाया था। 700 एकड़ के क्षेत्र में फैले यूरोपियन स्टाइल की यहां कई अन्य डिजाइनें देखने को मिल जायेंगी।  वादियों में गोल्फ  खेलने का मजा लेना हो तो नैनीताल के गोल्फ  क्लब जरूर जाएं। समुद्री सतह से 1,932 मीटर ऊंचाई पर बना यह गोल्फ कोर्र्स वाकई शानदार है। 18-होल वाले इस गोल्फ  क्लब में आपके पैरों की मांसपेशियाें की अच्छी खासी एक्सरसाइज हो जायेगी। पहाड़ियों पर उतार चढ़ाव वाले गोल्फ कोर्र्स में गोल्फ  खेलना अलग ही आनंद देता है। इस कोर्स में हरे और भूरे दोनों ही रंगों की घास है। इस गोल्फ कोर्र्स को ब्रिटिश आर्मी के एक इंजीनियर ने तैयार करवाया था। राजभवन के नाम से जाना पहचाना जाने वाला यह गोल्फ कोर्र्स ब्रिटिश शासन के दौरान ब्रिटिश गवर्नर के नियंत्रण में रहता था। गर्मी के मौसम में उत्तर पश्चिम क्षेत्र का गवर्नर यहां छुट्टियां बिताने आया करता था। इस समय यह गोल्फ  कोर्स नैनीताल की राज्य सरकार के नियंत्रण में है। यहां गोल्फ  खेलने से पहले सरकारी सहमति लेना जरूरी है। समुद्र तट पर बने गोवा के गोल्फ कोर्र्स की तो बात ही कुछ और है। खजूर व नारियल के ऊंचे-ऊंचे पेड़ों से घिरा यह गोल्फ कोर्र्स 9-होल वाला है। यह गोल्फ कोर्र्स ललित गोवा रिसोर्ट प्रॉपर्टी वालों का है इसमें प्रवेश के लिए सिर्फ  भुगतान करना होता है। समुद्र के किनारे होने के कारण इस गोल्फ कोर्स के एक सिरे पर दूर-दूर तक सिर्फ  नीला समुद्र ही नजर आता है। क्या आपने कभी बर्फ में गोल्फ  खेलने का मजा लिया है? अगर नहीं तो लेह जरूर जायें। 11,302 फुट की ऊंचाई पर बने फायर एंड फयूरी गोल्फ कोर्र्स को सिर्फ  सेना के जवान ही इस्तेमाल करते हैं। यह भारत का सबसे ऊंचाई पर स्थित गोल्फ  कोर्स ही नहीं है बल्कि बिना हरियाली वाला बर्फ  का यह गोल्फ कोर्र्स वाकई शानदार है।