हॉकी के लिए लाभदायक है योगा का अभ्यास

हॉकी खिलाड़ी आम तौर पर पीठ के निचले हिस्से और जांघों व मांसपेशियों के खिंचाव का शिकार होते हैं और योगा का निरंतर अभ्यास हॉकी खिलाड़ियों को इन समस्याओं पर काबू पाने के लिए मदद करता है। यह मदद योगा के बेशुमार आसनों के द्वारा होती है जो रीढ़ की हड्डी को मज़बूत करते हैं, शरीर की सारी मांसपेशियों को क्रियाशील करते हैं। यह स्वाभाविक रूप में पीठ की मांसपेशियों को फैलाते हैं और मज़बूत बनाते हैं और पीछे की मांसपेशियों को भी ताकतवर बनाते हैं। योगा के आसन टांगों में लचकता को बढ़ाते हैं। एक हॉकी खिलाड़ी योगा के द्वारा मांसपेशियों के असंतुलन के प्रति ज्यादा सुचेत हो जाता है और वह यह भी जान जाता है कि चोटों से बचने के लिए इन मांसपेशियों को कैसे ताकतवर बनाना है। चोटों के बाद शरीर में दोबारा ताकत और ऊर्जा लाने के लिए भी योगा सहायक हो सकता है। क्योंकि हर एक आसन खिलाड़ी की शारीरिक समर्था के अनुसार उसको ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए वह आसानी से अपने शरीर को दोबारा सेहतमंद बना सकता है। योगा मनोबल को भी बढ़ाता है और यह सच है कि  ‘मन जीते जग जीत’ है। दूसरी तरफ ध्यान और एकाग्रता हॉकी के खेल का ज़रूरी हिस्सा है और योगा हॉकी खिलाड़ी की खेल चेतना बढ़ाने में सहायक होता है।
योगा हॉकी खिलाड़ी की सांस प्रणाली में संतुलन और सुधार लाता है। सांस पर कंट्रोल तेज रफ्तार वाली हॉकी खेल के लिए बेहद ज़रूरी है। यह यकीनी बनाने के लिए कि आक्सीजन मांसपेशियों को पहुंच रही है के लिए भी सांस पर कंट्रोल ज़रूरी है। इससे मांसपेशियों के खिंचाव की सम्भावना भी कम होती है और शरीर में तेज़ाब की मात्रा संतुलित रहती है। एक हॉकी खिलाड़ी क्योंकि योगा से बहुत लाभ ले सकता है, इसके लिए खिलाड़ियों के शिक्षा प्रोग्राम का ज़रूरी और कीमती हिस्सा होने के नाते योगा को खेल उद्योग में स्वीकार कर लिया गया है। इसकी सबसे बड़ी उदाहरण न्यूज़ीलैंड की हॉकी टीम से मिलती है, जहां हॉकी खिलाड़ी निजी योगा ट्रेनर के बिना कहीं भी टूर्नामैंट पर नहीं जाते। इसलिए आशा की जाती है कि भविष्य में हॉकी खिलाड़ियों के संतुलित और सम्पूर्ण खेल ट्रेनिंग प्रोग्राम को यकीनी बनाने के लिए योगा और हॉकी का सुमेल प्रतिदिन बढ़ता ही जाएगा। हॉकी खिलाड़ी आम तौर पर पीठ के निचले हिस्से, जांघों, मांसपेशियों के खिंचाव के शिकार होते हैं और योगा का निरंतर अभ्यास हॉकी खिलाड़ियों को इन समस्याओं पर काबू पाने में मदद करता है। यह मदद योगा के बेशुमार आसनों के द्वारा होती है जो रीढ़ की हड्डी को मजबूत करते हैं, शरीर की सारी मांसपेशियों को क्रियाशील करते हैं। यह स्वाभाविक रूप में पीठ की मांसपेशियों को भी ताकतवर बनाते हैं। योगा के आसान टांगों में लचकता को बढ़ाते हैं। एक हॉकी खिलाड़ी योगा के द्वारा मांसपेशियों के अंसतुलन के प्रति ज्यादा सुचेत हो जाता है और वह यह भी जान जाता है कि चोटों से बचने के लिए इन मांसपेशियों को कैसे मजबूत बनाया जाए, के बाद शरीर में दोबारा ताकत और ऊर्जा लाने में भी योगा सहायता करता है, क्योंकि हर एक आसन खिलाड़ी की शारीरिक समर्था के अनुसार उसको ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए वह आसानी से अपने शरीर को दोबारा सेहतमंद बना सकता है। योगा मनोबल को भी बढ़ाता है और यह सच है कि ‘मन जीते जगत जीत’। दूसरी तरफ ध्यान और एकाग्रता हॉकी के खिलाड़ी का ज़रूरी हिस्सा है और योगा हॉकी खिलाड़ी की खेल चेतना बढ़ाने में सहायक है।
योगा हॉकी खिलाड़ी की श्वास प्रणाली में एकसुरता और सुधार लाता है। श्वास पर कंट्रोल तेज रफ्तार वाली हॉकी खेल के लिए बेहद ज़रूरी है। यह यकीनी बनाने के लिए कि आक्सीजन मांसपेशियों को पहुंच रही है, के लिए भी श्वास पर कंट्रोल ज़रूरी है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव पड़ने की सम्भावना भी कम होती है और शरीर में तेज़ाब की मात्रा संतुलित रहती है। एक हॉकी खिलाड़ी क्योंकि योगा से बहुत लाभ ले सकता है इसीलिए खिलाड़ियों के शिक्षा कार्यक्रम होने के नाते योगा को खेल उद्योग से स्वीकार कर लिया गया है। इसकी सबसे बड़ी उदाहरण न्यूज़ीलैंड की हॉकी टीम से मिलती है, जहां हॉकी खिलाड़ी निजी योगा शिक्षा के बिना कहीं भी टूर्नामैंट में नहीं जाते। इसलिए उम्मीद की जाती है कि भविष्य में हॉकी खिलाड़ियों के संतुलित और सम्पूर्ण खेल ट्रेनिंग प्रोग्राम को यकीनी बनाने के लिए योगा और हॉकी का सुमेल दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जाएगा। (समाप्त)