साइना नेहवाल गौरवशाली वापसी

गोल्डन स्टार साइना नेहवाल ने अपने हमलावर खेल के सामने रियो ओलम्पिक-16 की रजत पदक विजेता पी.वी. सिंधू की सारी कोशिशें नाकाम करते हुए 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रचा। सैमीफाइनल में साइना ने स्काटलैंड की क्रिस्टी को 21-14, 18-21 और 21-17 के अंतर से हरा कर फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल में साइना ने लगातार सैटों में ओलम्पिक रजत पदक विजेता सिंधू को 21-18 और 23-21 से मात देते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। वह राष्ट्रमंडल खेलों में 2 स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं। इसके अलावा साइना ने टीम चैम्पियनशिप का स्वर्ण पदक दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। लंदन ओलम्पिक में कांस्य पदक विजेता अपने करियर के सबसे निचले स्तर तक पहुंच गई थी। परन्तु फिर दोबारा गोपीचंद की कोचिंग हासिल करके और कड़ी मेहनत के कारण फार्म में लौटी साइना ने चमत्कार कर दिखाया। राष्ट्रमंडल खेलों में साइना ने अपना बेहतरीन खेल दिखाया। सिंधू के खिलाफ साइना पूरी लय में थी। उन्होंने लम्बी रैलियां खेलीं। तेज स्मैशों में भी साइना का जवाब नहीं। साइना ने 82वीं राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में अपने से ऊंची रैंकिंग रियो ओलिम्पक-16 की रजत पदक विजेता शटलर पी.वी. सिंधू को हराया था। साइना ने 2006 और 2007 में भी नैशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप का खिताब हासिल किया था। इससे पहले साइना ने इंडोनेशिया ओपन के फाइनल में भी पी.वी. सिंधू को मात दी थी। साइना नेहवाल ने चीनी खौफ को खत्म करके जो रास्ता बनाया था उस पर ही पी.वी. सिंधू और श्रीकांत ऐतिहासिक इबारत लिखने में सफल हुए हैं। हैदराबादी बैडमिंटन खिलाड़ी ने गत वर्ष मलेशिया मास्टर्स ग्रांड प्री गोल्ड खिताब फाइनल में थाइलैंड की 18 वर्षीय पोर्नवावी चोचूवांग को 40 मिनटों में 22-20 और 22-20 से हरा कर अपने नाम किया था। इसी तरह साइना जून 2016 में हुए आस्ट्रेलियन ओपन के मुकाबले में विश्व चैम्पियन (दूसरी सीड) थाइलैंड की रतचानोक इंतानोन को 28-26 और 21-16 से हरा कर फाइनल में पहुंची थी। 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने बैडमिंटन में पहली बार 2 स्वर्ण सहित 6 पदक जीते हैं। इस उपलब्धि के लिए साइना का विशेष योगदान है। दिल्ली में हुए राष्ट्र मंडल खेलों में भारत ने चार पदक जीते थे। साइना की इस गौरवशाली वापिसी के लिए हमारी शुभ इच्छाएं।

-मुख्तार गिल