स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं दालें


अरहर
अरहर की दाल में विटामिन ए, बी., सी. पाया जाता है। यह कसैली, कफ और रक्त-संबंधी विकारों को दूर करती है। इसके सूखे पत्तों को जलाकर इनकी राख को दही में मिलाकर खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली रोग दूर हो जाता है। इसके हरे ताजे कोमल पत्तों में हरी दूब (दूर्वा घास) को मिलाकर, पीसकर, रस निकालकर, छानकर नस्य लेने से आधा सीसी रोग में लाभकारी होता है।
इसकी दाल को पीसकर, पानी मिलाकर पीने से भांग का नशा उतर जाता है। इसके हरे ताजे पत्तों को मुंह में डालकर रस लेने से मुंह अच्छा हो जाता है। पत्तियों को उबालकर कुल्ला करने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है। इसकी जड़ को साफ करके दांतों से कुचल-कुचल कर चबाने से सांप का विष दूर हो जाता है।
उड़द
उड़द में विटामिन ए., बी. सी पाया जाता है। यह मधुर, रूचिकारक, भारी, वायुनाशक, अत्यंत पुष्टिदायक होती है। उड़द की दाल को भिगोकर, पीसकर, नमक, काली मिर्च, हींग, जीरा, लहसुन और अदरक को डालकर घी में तलकर, दही में मिलाकर खाने से बल-वीर्य और धातु को बढ़ावा मिलता है। इसकी दाल का सेवन करने से श्वास, हृदयरोग और निर्बलता दूर होती है।
कुल्थी
कुल्थी गर्म, कफ नाशक, मलरोधक, गुल्म, पथरी, कृमि, खांसी, श्वास, पीनस, हिचकी आदि रोगों को दूर करने वाली होती है। यह शरीर के पसीने को रोकती है और रूधिर विकार को बढ़ाने वाली होती है।
मसूर
मसूर में विटामिन ए., बी. पाया जाता है। यह दो किस्मों में होते हैं काली और लाल। इन दोनों में एक ही गुण समान है। यह शीतल, मधुर, मलावरोधक होती है। वायु बढ़ाती है, कृमि उत्पन्न करती है, नेत्ररोग, पत्थरी और हृदयरोग के लिए हितकारी होती है। मसूर को भिगोकर, पीसकर शरीर पर उबटन लगाने से शरीर सुन्दर और कांतिमय हो जाता है।
मांह काली
काली मांह में विटामिन ए थोड़ी मात्रा में और विटामिन बी अधिक मात्रा में होता है। यह अधिक पुष्टिकर, शीघ्र हजम होने वाली, बल-वीर्यवर्धक, पथ्य और शरीर को पोषण करने वाली होती है।
हरी मूंग
हरी मूंग में विटामिन ए, बी,सी पाया जाता है। छिलके सहित मूंग शीघ्र पचने वाली होती है। मल को बांधने वाली, कफ और पित्त को शांत करने वाली, ज्वर, नेत्ररोग और निर्बलता को दूर करने वाली होती है।
मोठ
मोठ को मोथी भी कहा जाता है, इसमें विटामिन बी पाया जाता है। यह मधुर, कफ, पित्त रक्तपित्त, वायुकारक, कृमिकारक, ज्वर, नेत्ररोग को लाभ देने वाला होता है। इनका मठिया बनाया जाता है। मूंग अथवा मोठ को अंकुरित करके या इनको रात में भिगोकर, सुबह उबालकर नाश्ते में इनका उपयोग किया जाता है। 
लोबिया
लोबिया में विटामिन ए., बी., सी., पाया जाता है। स्वादिष्ट, देर से हजम होने वाली, बलकारक, वात बढ़ाने वाली, कब्जियत दूर करने वाली है। (स्वास्थ्य दर्पण)
—इंदीवर मिश्र