शिलांग के सिखों ने कालोनी की जगह स्थानांतरित करने का प्रस्ताव ठुकराया

खन्ना, 20 जून : शिलांग के सिखों ने मेघालय सरकार द्वारा  झगड़े के निपटारे हेतु गठित की गई उच्चस्तरीय कमेटी जिसके प्रमुख मेघालय के उप-मुख्यमंत्री प्रैसटोन टाइनसौंग हैं, की पंजाबी लेन एरिया में बड़ा बाज़ार के नज़दीक स्थित सिख हरिजन कालोनी को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रद्द कर दिया है। आज सुबह शिलांग के विवाद के क्षेत्र पंजाबी लेन एरिया में उच्चस्तरीय कमेटियों की हिदायतों पर सर्वेक्षण करने पहुंची मेघालय की ‘लैंड रिकार्ड व सर्वेक्षण विभाग’ की टीम का वहां रहतीं भारी संख्या में सिख महिलाओं ने विरोध किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने हाथों में बैनर पकड़े हुए थे, जिन पर लिखा हुआ था कि हम उच्चस्तरीय कमेटी की पंजाबी हरिजन कालोनी को यहां से स्थानांतरित करने के प्रस्ताव का विरोध करती हैं और हम सरकार के पंजाबी हरिजन कालोनी के विरोधी रवैये के खिलाफ रोष व्यक्त करते हैं परंतु इसके बावजूद इस सरकारी टीम ने इस क्षेत्र का सर्वेक्षण का काम जारी रखा, क्योंकि कई स्थानीय गुट यहां कई 100 वर्षों से रह रहे सिख सफाई सेवकों की इस कालोनी को यहां से हटाने का दबाव बना रहे हैं। गौरतलब है कि  गुरुद्वारा बड़ा बाज़ार के अध्यक्ष व शिलांग के सिखों के नेता गुरजीत सिंह ने भी सिख कालोनी को पंजाबी लेन एरिया से किसी अन्य जगह पर स्थानांतरित करने का विरोध किया है। दिल्ली अकाली दल का प्रतिनिधिमंडल उप-मुख्यमंत्री से मिला : इसी बीच दिल्ली अकाली दल का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना के नेतृत्व में उच्चस्तरीय कमेटी के प्रमुख व मेघालय के उप-मुख्यमंत्री प्रैसटोन टाइनसौंग से मिला। सरना ने कहा कि हमने उप-मुख्यमंत्री को स्पष्ट कहा है कि हमें उच्चस्तरीय कमेटी की शर्तें व नियम स्वीकार नहीं हैं। इस मामले का सबसे बढ़िया समाधान सिखों को यहां से उजाड़ना नहीं है, बल्कि पुन: बसाना है। बाद में सरना ने ‘अजीत समाचार’ के साथ बातचीत करते हुए कहा कि हमने सरकार से कहा है कि यदि इस जगह की उन्नति के लिए कमर्शियल काम्पलैक्स बनाना है तो इस पर यहां रह रहे सिखों के लिए फ्लैट बनाकर दिए जाएं। उन्होंने उप-मुख्यमंत्री टाइनसौंग से यह भी पूछा कि गुरु नानक स्कूल कहां बनाया जाएगा? सरना ने बताया कि सिख कालोनी का विरोध कर रहे ़खासी लोग ईसाई हैं। इसलिए दिल्ली के ईसाई धर्म के आरक आफ बिशप से भी मुख्यमंत्री, जो उनके समर्थक भी हैं, से फोन पर बात करवाई है कि सिखों के प्रति हमदर्दी वाला रवैया अपनाया जाए, क्योंकि सिख भी ईसाइयों की तरह देश का एक महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक वर्ग है। दिल्ली गुरुद्वरा कमेटी का प्रतिनिधिमंडल फिर जाएगा शिलांग : जी.के. : इस दौरान दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने कहा कि हमने शिलांग के सिखों को अकेले नहीं छोड़ा है। हमारी हालात पर हर वक्त नज़र है और हम शिलांग व सिखों के सम्पर्क में भी हैं। जी.के. ने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी का एक प्रतिनिधमंडल लेकर जिसका नेतृत्व खुद तथा कमेटी के महासचिव व दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा करेंगे, जल्द ही दोबारा शिलांग जा रहे हैं और हम आशा करते हैं कि वहां के सिखों के साथ किसी प्रकार का कोई अन्याय नहीं होगा।हमारे पास कोई शिकायत नहीं पहुंची : राय : इस दौरान राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के एकमात्र सिख सदस्य मनजीत सिंह राय ने कहा कि वह शिलांग के सिखों के साथ हो रहे अन्याय बारे सुनते ही निजी तौर पर शिलांग गए थे। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा व अन्य उच्चाधिकारियों से मिलकर सिखों के पुनर्वास व सुरक्षा के लिए भी कहा था परंतु हैरानी की बात है कि अभी तक भी इस मामले में अधिकारिक तौर पर अल्पसंख्यक आयोग के पास शिलांग के सिखों द्वारा अथवा किसी अन्य सिख संगठन द्वारा कोई आधिकारिक शिकायत नहीं पहुंची। हालांकि व खुद इस बारे शिलांग के सिख नेताओं से विचार व्यक्त करते आए थे।