ग्रामीण क्षेत्रों के लिए महंगी हुई बिजली

जालन्धर, 22 जून (शिव शर्मा) : धान की रोपाई आरम्भ होने से पावरकॉम ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बिजली महंगी कर दी है व अब कृषि वर्ग को छोड़ कर ग्रामीण क्षेत्रों में रहते लोगों और अन्य औद्योगिक यूनिटों को 10 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा की अदायगी करनी पड़ेगी क्योंकि पावरकाम ने बिजली ड्यूटी में 13 से बढ़ा कर 15 फीसदी का इज़ाफा कर दिया है। बिजली ड्यूटी में वृद्धि का प्रभाव न केवल ग्रामीण खपतकारों पर पड़ेगा बल्कि इन क्षेत्रों में लगे औद्योगिक यूनिटों के बिजली बिलों में लाखों रुपए का इज़ाफा हो जाएगा। पावरकॉम द्वारा किए गए फैसले के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के लिए 13 से 15 फीसदी बिजली ड्यूटी में की गई वृद्धि 1 अप्रैल 2018 से लागू होगी। 2 फीसदी ड्यूटी बढ़ने से ग्रामीण खपतकारों पर 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली का इजाफा होगा। पावरकॉम द्वारा बिजली के बिलों में जो बिजली ड्यूटी वसूल की जाती है, उसकी पूरी राशि कर के रूप में सरकार को जाती है व विशेषज्ञों की मानें तो इस वृद्धि से सरकार को ही 2 फीसदी ड्यूटी में वृद्धि होने से 200 करोड़ की अतिरिक्त राशि आएगी। इससे पहले पावरकॉम ने वर्ष 2017-18 के लिए बिजली दरों में वृद्धि की थी परन्तु उसको बैक डेट पहली अप्रैल 2017 से लागू किया था जिससे लोगों के बिजली बिल बढ़ कर आए थे। बिजली मामलों के विशेषज्ञ विजय तलवार ने इस वृद्धि का विरोध करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में तो पहले ही बिजली प्रणाली बहुत खराब है व लम्बे समय तक बिजली शिकायतें ठीक नहीं होती परन्तु नया भार ग्रामीण खपतकारों पर नहीं डालना चाहिए था। याद रहे कि इससे पहले पावरकॉम ने गऊशाला को दी जाती नि:शुल्क बिजली को बंद करके उनसे एक वर्ष से ज्यादा समय तक प्रयोग की गई बिजली की राशि भी वसूल करने के निर्देश दिए थे जिससे गऊशाला चलाने वालों में काफी रोष है। वैसे पावरकॉम को इस समय बिजली सब्सिडी की राशि समय पर वित्तीय संकट भी नहीं मिल रहा है व इसका प्रभाव बिजली और कोयले की खरीद पर भी पड़ रहा है।