सूर्योदय योजना से बिजली क्षेत्र में आ सकता है सुधार

मोदी सरकार की सूर्योदय योजना देश में बिजली की किल्लत को दूर करने वाली योजना हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौभाग्य योजना को शुरू किया है, जिसका उद्देश्य देश के दूरवर्ती के गांवों तक हर घर तक बिजली पहुंचाना है, लेकिन जब बिजली का उत्पादन ही कम होगा तो यह योजना कैसे अपनी मंज़िल तक पहुंचेगी? लेकिन अगर सरकार सूर्योदय योजना पर गंभीरता से काम करे तो देश के दूरवर्ती के गांवों तक भी बिजली की सुविधा उपलब्ध हो सकती है।
देश में अभी भी कुछ राज्यों को बिजली संकट का सामना  करना पड़ता है, खासतौर पर गर्मियों में। कभी बारिश न होने के कारण बिजली का उत्पादन ठप्प हो जाता है तो कभी-कभी भारी बारिश कारण डैमों में सिल्ट आने के कारण। कुछ राज्य जहां बिजली का उत्पादन कोयले से होता है वहां कोयले की कमी कारण भी उत्पादन प्रभावित होता है। केंद्र सरकार ने सूर्योदय योजना लाकर बहुत अच्छा प्रयास किया है। इस योजना के तहत देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिल सकता है। केंद्र सरकार ने इस योजना को लाभ गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को देने के लिए विशेष कदम उठाने के लिए भी कहा है। हिमाचल सरकार ने अपने यहां सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने के लिए लगभग 40 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला लिया है। सरकार को इस पहल में ज़रा भी देरी न करते हुए इसे जल्दी से लागू करने पर विचार करना चाहिए। हमारा देश गांवों का देश है। हमारे देश में बहुत से गांव ऐसे भी होंगे जहां तार द्वारा बिजली पहुंचाना मुश्किल होगा, खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में। वहां बारिश में जब विद्युत आपूर्ति क्षतिग्रस्त होती होगी तो वहां मरम्मत करना भी मुश्किल होता होगा। सौर ऊर्जा इन समस्याओं से भी गांवों को बचा सकती है। सौर ऊर्जा परम्परागत बिजली का बहुत अच्छा विकल्प है। इससे पर्यावरण पर भी कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता।
सरकार की योजना तभी सफल होगी जब राज्य सरकारें इस योजना को कामयाब बनाने के लिए गंभीरता दिखाएंगी। केंद्र सरकार को चाहिए कि सभी उद्योगों, कार्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य संस्थाओं को भी इस योजना का लाभ देने के लिए काम करना चाहिए। ऐसी योजनाओं से हमारे देश में बिजली क्षेत्र में अच्छे दिन आ सकते हैं। देश को चौबीस घंटे बिजली मिल सकती है, बिजली संकट काफी हद तक  दूर हो सकता है। जर्मनी में लोग बिजली के क्षेत्र मे आत्मनिर्भर होने के लिए प्रयासरत है। वहां के बहुत से होटल, विद्यालय, अस्पताल सोलर पैनल के जरिए बिजली प्राप्त कर एक सराहनीय काम कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ऐसी नयी तकनीक विकसित करनी चाहिए जो बिजली की खपत भी कम करें, जो और ज्यादा सुरक्षित हों और इनकी चार्जिंग सौर ऊर्जा के माध्यम से हो।आने वाले समय में वाहनों को चलाने के लिए सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो सकता है, और होना भी चाहिए, क्योंकि पैट्रोल, डीज़ल और बिजली तैयार करने के साधन कभी भी समाप्त हो सकते हैं।

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