अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार

सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी देश की अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी पैमाना है। यह देश की खुशहाली का सूचक और कल्याणकारी अर्थशास्त्र का एक केन्द्रीय और अहम् मुद्दा है। हमारे देश में कृषि, उद्योग और  सेवा तीन प्रमुख कारक हैं जिनमें उत्पादन बढ़ने या घटने के औसत के आधार पर जीडीपी दर निर्धारित होती है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तेज रफ्तार ग्रोथ दर्ज कर जहां भारत ने चीन को एक बार फि र पीछे छोड़ दिया है वहीं ब्रिटेन को पीछे छोड़ने की मुकम्मल तैयारी करते हुए दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।  चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी ) 8.2 प्रतिशत बढ़ा है। मैन्यूफैक्चरिंग और  फार्म सैक्टर के बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से ऐसा मुमकिन हुआ है। पिछले तीन साल के दौरान दर्ज  की गई यह सर्वाधिक विकास दर है। गत दिनों सरकार ने जीडीपी के आंकड़े जारी किए। इससे पहले 2015-16 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी में सर्वाधिक तेज वृद्धि हासिल की गई। तब जीडीपी 9.3 प्रतिशत रही थी। गत त्रैमास  में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.7 प्रतिशत थी, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.59 प्रतिशत थी। मैन्यूफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वॉटर सप्लाई व अन्य यूटिलिटी सर्विसेज, कंस्ट्रक्शन, डिफेंस और अन्य सेवाओं ने 7 प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ दर्ज की है।  मोदी सरकार के लिए यह बेहद सुकून भरा है। देश विदेश के अर्थशास्त्रियों की पैनी निगाह भारत की जीडीपी के ग्रोथ पर टिकी है। ऐसे में चुनावी आहट के मध्य यह समाचार निश्चित तौर पर सरकार के साथ-साथ देशवासियों के लिए खुशी का परिचायक है। हाल ही में कई जाने माने अर्थ विशेषज्ञों ने देश की गिरती अर्थव्यवस्था की आलोचना की थी और मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था मगर जीडीपी की तेज रफ्तार के इस समाचार ने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है। यह उल्लेखनीय है कि 2011-12 की स्थिर कीमतों के आधार पर 2018-19 की पहली तिमाही में देश की अनुमानित जीडीपी 33.74 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले साल की पहली तिमाही में 31.18 लाख करोड़ रुपये थी। इस तरह 8.2 प्रतिशत की ग्रोथ रेट दर्ज हुई है।  जीडीपी के माध्यम से  उपभोक्ताओं और मांग के नजरिए से  देश की आर्थिक गतिविधियों की साफ  और स्पष्ट झलक मिलती है। गौरतलब है देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी बात यह है कि अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट हमारी उम्मीद से भी बेहतर है। हाल ही में विश्व बैंक द्वारा जारी  आंकड़ों के अनुसार इसी साल भारत ने 2.6 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के साथ फ्रांस को पछाड़कर दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल किया। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने कहा है कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित होने की राह पर है, क्योंकि सुधारों का फायदा अब दिखने लगा है। 

134 गुरुनानक पुरा, राजापार्क
जयपुर, राजस्थान