कबड्डी खिलाड़ियों ने मिलकर बनाया लुटेरा गिरोह


लुधियाना, 18 सितम्बर (जुगिंद्र अरोड़ा): लुधियाना पुलिस ने खतरनाक लुटेरा गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार करके उनके कब्ज़े में से हथियार व अन्य सामान बरामद किया है। गिरफ्तार किये कथित आरोपियों में तीन कबड्डी खिलाड़ी भी शामिल हैं। इस संबंधी जानकारी देते हुए ए.डी.सी.पी. सुरिंद्र लांबा ने बताया कि पुलिस की ओर से यह कार्रवाई थाना शिमलापुरी की अगवाई में पुलिस पार्टी ने अमल में लाकर गिरफ्तार किये कथित आरोपियों कुलविंदर सिंह उर्फ विक्की पुत्र रजिंद्र सिंह निवासी जोधां, ललित कुमार उर्फ लल्ली निवासी गांव लुहारा, दविंद्र सिंह उर्फ बाबू पुत्र बलविंदर सिंह निवासी लुहारा व सुरजीत सिंह उर्फ सैमी निवासी बसंत नगर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 7 सदस्यीय गिरोह का सरगना कुलविंदर है। कुलविंदर, ललित तथा दविंद्र कबड्डी के खिलाड़ी हैं और एक-दूसरे को पहले से ही जानते थे और जल्द अमीर बनने की लालसा ने इनको दो महीने पहले यह 7 सदस्य इकट्ठे हुए और इन्होंने एक गिरोह बना लिया। उन्होंने बताया कि इनके तीन साथी जगजीत सिंह उर्फ जग्गू निवासी गांव सहजाद, जसप्रीत सिंह पुत्र भाना निवासी गांव सहजाद व बबलू चौहान निवासी गुरपाल नगर अभी फरार हैं। पुलिस इनकी तलाश कर रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो महीने में इन्होंने शिमलापुरी व डाबा के इलाकों में लूट की तीन वारदातों को अंजाम दिया और 24 जुलाई को इन्होंने गैस एजेंसी के करिंदे हीरा लाल से पिस्तौल दिखाकर 44 हजार व एक मोबाइल लूट लिया और हवा में गोलियां चलाते हुए फरार हो गये थे। यह वारदात शिमालपुरी के इलाके बरोटा सड़क की है, जबकि आदर्श कालोनी निकट स्थित बंगाली क्लीनिक पर धावा बोलकर इन लुटेरों ने डाक्टर नंद किशोर को हथियार दिखाकर 12 हजार की नकदी व 4 मोबाइल छीन लिये थे। उन्होंने बताया कि इसके बाद 14 अगस्त को ढेडी सड़क पर इन लुटेरों द्वारा एक फाइनांसर कुलविंदर सिंह से नकदी और मोबाइल लूट लिये। श्री लांबा ने बताया कि यह युवा जल्द अमीर बनना चाहते थे और इस लालसा कारण इन्होंने लुटेरा गिरोह बना लिया। पुलिस ने इनके कब्ज़े में से एक पिस्तौल, 2 दातर, 2 मोइसाइकिल व अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुलविंदर खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। इनकी उम्र 20 से 30 वर्ष के मध्य है। 
उन्होंने बताया कि वारदात से पहले विक्की जोधां से आकर रेकी करता था और बाद में यह आरोपी वारदात को अंजाम देते थे। लूट का शिकार हुए कुलविंदर सिंह को कथित आरोपी सुरजीत पहले से ही जानता था क्योंकि वर्ष पूर्व उसने उससे पैसे ब्याज पर लिये थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बरामद किया पिस्तौल कुलविंदर के भाई गुरिंद्र सिंह का है जिसने कुछ समय पहले खुदकुशी कर ली थी। इनसे और भी पूछताछ की जा रही है, जिससे के रहस्यों से पर्दा उठने की संभावना है।