पंजाब सरकार खिलाड़ियों के लिए ठोस नीति लागू करे : बहादुर सिंह

जालन्धर, 21 सितम्बर (जतिन्द्र साबी): पंजाब में टैलेंट की कोई कमी नहीं है और पंजाब सरकार को खिलाड़ियों के लिए ठोस खेल नीति लागू करनी चाहिए। यह विचार भारतीय एथलैटिक्स टीम के चीफ नैशनल कोच पद्मश्री बहादुर सिंह ने ‘अजीत समाचार’ के साथ एक खास मुलाकात के दौरान व्यक्त किए। बहादुर सिंह ने 5 एशियन खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व शाटपुर में किया है और भारत सरकार ने अर्जना अवार्ड पद्मश्री अवार्ड के साथ सम्मानित किया। बहादुर सिंह जोकि हरियाणा के रहने वाले हैं, ने बताया कि जब हरियाणा की खेल नीति बनी तो मैंने उस समय के मुख्यमंत्री को सलाह दी और उन्होंने इसे उसी समय लागू करने की सहमति दी और इसे लागू भी किया और इसमें पैसा व पोस्ट को अहमियत दी गई। बहादुर सिंह ने पंजाब सरकार पर शिकवा जताते हुए कहा कि हरियाणा की खेल नीति को चंडीगढ़, दिल्ली, असम व उड़ीसा ने लागू कर दिया है व पंजाब सरकार ने अभी भी खिलाड़ियों के लिए अपने दरवाजे नहीं खोले।उन्होंने तजिन्द्रपाल सिंह तूर के स्वर्ण पदक का उल्लेख करते हुए कहा कि उसके पिता कैंसर से जूझ रहे थे और बेटा इतने मानसिक बोझ के बाद भी देश के लिए स्वर्ण पदक के साथ नया एशियन रिकार्ड स्थापित करता है और फिर भी सरकारें खामोश रहती हैं और कौन आगे से पंजाब से खेलने की हिम्मत करेगा। बहादुर सिंह ने कहा कि पंजाब के स्कूलों में खेल मैदान तो हैं और न ही शारीरिक शिक्षा के अध्यापक हैं और खेलने के लिए खिलाड़ी हैं अगर ऐसा ही हाल रहा तो हम विश्व चैम्पियन कैसे पैदा कर सकते हैं। उन्होंने सरकार को अपील की और कहा कि हम खिलाड़ियों को पुलिस में डीएसपी भर्ती करते जा रहे हैं और यदि इन्हें भर्ती करना है कि ज़िला स्तर पर उस रैंक की पोस्ट देकर एक खेल अकादमी का उस खिलाड़ी को इंचार्ज नियुक्त कर दिया जाए और उसको पूरी छूट दी जाए कि कैसे खेल की उन्नति करनी है और इससे खेल की तरक्की भी होगी और खिलाड़ी भी खेल से जुड़ा रहेगा। बहादुर सिंह ने कहा कि जब तक पंजाब सरकार खिलाड़ियों के लिए कोई पक्की खेल नीति लाकर ईनामों को करोड़ों रुपए में नहीं करती, पक्की नौकरी देने का प्रबंध नहीं करती तो पंजाब के खेल क्षेत्र में तरक्की असंभव प्रतीत होती है और इसके लिए पंजाब सरकार को सोचने की ज़रूरत है।