पंजाब सरकार ने बेअदबी जांच के मामले भी सीबीआई से वापिस लिए

चंडीगढ़, 12 नवम्बर (सुरजीत सिंह सत्ती) : बादल सरकार द्वारा बेअदबी के मामलों की सीबीआई को दी जांच भी मौजूदा सरकार ने इस केन्द्रीय एजेंसी से वापिस ले ली है। अकाली सरकार ने नवम्बर 2015 में बेअदबी संबंधी फरीदकोट के बाजाखाना थाने में दर्ज तीन मामलों की जांच सीबीआई के हवाले की थी परंतु कैप्टन सरकार ने इन मामलों की जांच भी वापिस ले ली है और इन मामलों की जांच एस.आई.टी. को ही सौंपी गई है। बुर्ज जवाहर सिंह वाला से श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पवित्र सरूप चोरी होना, पवित्र ग्रंथ के बिखरे हुए अंग मिलने के कारण धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और विरोध उठने के उपरांत इन वारदातों के पीछे मिलीभगत संबंधी अक्तूबर 2015 में दर्ज मामलों की जांच अकाली सरकार ने दो नवम्बर 2015 को सी.बी.आई. को सौंप दी थी।  इन तीनों मामलों की जांच सीबीआई को देने संबंधी नोटीफिकेशन को डीनोटीफाई करने के लिए मौजूदा सरकार ने इसी वर्ष 6 सितम्बर को एक नई नोटीफिकेशन जारी कर दी है। इस डीनोटीफिकेशन के तहत पंजाब सरकार ने दिल्ली स्पैशल पुलिस इस्टैबलिशमैंट के सदस्यों को उक्त तीनों मामलों की पंजाब के दायरे में जांच करने की शक्ति खत्म कर दी है। अकाली सरकार समय जारी नोटीफिकेशन को डीनोटीफाई करने के पीछे मौजूदा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक मामले में दाखिल अपने जवाब में सरकार द्वारा अतिरिक्त प्रमुख  सचिवालय एन.एस. कलसी ने कहा कि क्योंकि सीबीआई को इन मामलों की जांच मामला गंभीर होने के कारण जल्द नतीजे पर पहुंचने के कारण दी गई थी परंतु तीन वर्षों में सीबीआई ने कोई रिपोर्ट पेश नहीं की और पिछले वर्ष 1 अप्रैल को जस्टिस रणजीत सिंह कमिशन गठित किया गया था और इसकी रिपोर्ट में अहम खुलासे हुए, जिस कारण पंजाब विधानसभा में चर्चा हुई और सदस्यों ने इसे महसूस किया कि सीबीआई तीन वर्षों तक कुछ नहीं कर सकी, लिहाज़ा इस मामले में जल्द जांच के लिए यह मामले सीबीआई से वापिस लेकर एसआईटी को दी जाएं। इस पर अमल करते हुए अकाली सरकार द्वारा जारी नोटीफिकेशन डीनोटीफाई की गई है। वर्णनीय है कि बादल सरकार समय सीबीआई को दिए गए मामले वापिस लेने की बात बठिंडा के एक व्यक्ति द्वारा बेअदबी की वारदातों में राम रहीम से पूछताछ करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सामने आई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्त्ता को पूछा था कि आखिर वह किस हक से यह याचिका दाखिल कर रहा है और इस मुद्दे पर सरकार द्वारा जवाब दाखिल होने के उपरांत अब हाईकोर्ट ने याचिकाकर्त्ता को अंतम बहस  करने का मौका दिया है।