पंजाबी मूल की जसविन्द्र संघेड़ा ने यू.के. के लार्ड लेस्टर पर छेड़छाड़ के लगाए आरोप


लंदन, 13 नवम्बर (मनप्रीत सिंह बधनी कलां): जब्री  विवाहों के विरुद्ध महिलाओं को लामबंद करने वाली व कर्में निरवाना की संचालक समाज सेविका जसविन्द्र संघेड़ा ने लार्ड लैस्टर आफ हैरने हिल पर छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं। लिबरल डैमोक्रेटिक पार्टी के 82 वर्षीय लार्ड ने शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा था तथा लार्ड लेस्टर ने जसविन्द्र संघेड़ा के साथ एक बार अपनी कार में छेड़छाड़ की तथा कहा कि यदि वह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाती है तो एक वर्ष में उसको हाऊस आफ लार्ड की सदस्य (बैरोनैस) बना सकता है। यह घटना उस समय की है जब 53 वर्षीय संघेड़ा जब्री विवाहों के विरुद्ध मुहिम चला रही थी तथा संसद में 2006 में जब्री विवाहों के विरुद्ध कानून पास करवाने के लिए लार्ड लेस्टर के साथ मिलकर काम कर रही थीं। उस समय लार्ड लेस्टर की आयु 70 वर्ष व संघेड़ा की आयु 41 वर्ष थी। संघेड़ा ने कहा कि वह एक बार ट्रेन छूटने के कारण लार्ड तथा उसकी पत्नी के साथ 30 लाख पौंड वाले घर में ठहरी थी, जहां उसने सुरक्षा पक्ष से रात एक कुर्सी पर गुज़ारी थी। संघेड़ा ने कमिश्नर को बताया कि अगली प्रात: लार्ड ने घर की रसोई में उसके साथ छेड़छाड़ की जिस पर उसने रोका। संघेड़ा ने कहा कि पहली बार उसने सोचा कि यह गलती से छू हो गया होगा, लेकिन बाद में महसूस किया कि यह सब जानबूझ कर हो रहा था। दूसरी ओर लार्ड लेस्टर ने इन आरोपों को खंडन करते हुए झूठ का पुलिंदा कहा है। संघेड़ा ने नवम्बर 2017 में मी टू मुहिम के दौरान अपने साथ घटी घटना की शिकायत दर्ज करवाई थी। लार्ड रिपोर्ट में कहा गया है कि संसद कमेटी ने देखा कि लार्ड ने नियमों का उल्लंघन किया है जिसके लिए कमेटी की सिफारिश पर वीरवार को इस बारे वोट डालने की सम्भावना है जिसके तहत लार्ड लेस्टर पर 4 वर्ष की पाबंदी लग सकती है तथा जून 2022 तक निलम्बित किया जा सकता है। वर्णनीय है कि जसविन्द्र संघेड़ा को उसके सामाजिक कार्यों के बदले महारानी एलिजाबेथ द्वारा सी.बी.ई. का खिताब प्रदान किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि संघेड़ा ने एक जज सहित 6 गवाह पेश किए हैं जिनको उसने घटना के तुरंत बाद बताया था, जबकि एक दोस्त को लेस्टर के घर से फोन सहित 4 गवाहों को पेश किया है कि वह ऐसा व्यवहार नहीं कर सकता।