पिताजी की राय सबसे ज्यादा मायने  रखती है  मनीषा रावत  

अलग हट कर बने सोनी सब के शो मंगलम् दंगलम् में लीड भूमिका निभा रही खूबसूरत अदाकारा से सेट पर हुई बातचीत में उन्होंने बहुत कुछ शेयर किया—
‘मंगलम् दंगलम्’ में अपने किरदार ‘रूमी’ के बारे में कुछ बतायें।
—इस शो में मेरे किरदार का नाम रूमी है। वह बहुत चुलबुली है और हमेशा चहकती रहती है। वह पिता को बहुत प्यार करती है और हमेशा आज्ञाकारी रही है, वह जो कहते हैं उनकी सारी बातों का पालन करती है। रूमी बेफिक्र रहती है, लेकिन पिता के सामने वह मासूम बन जाती है क्योंकि वह उन्हें  बहुत प्यार करती है और उन्हें दुखी होते हुए नहीं देख सकती। 
‘मंगलम् दंगलम्’ टेलीविजन के अन्य शोज़ से किस तरह अलग है?
—मैंने अभी तक ऐसा शो नहीं देखा है जिसमें ससुर और दामाद के बीच इतना अनोखा रिश्ता  दिखाया गया हो। ‘मंगलम् दंगलम्’ में उनकी ‘दंगल’ इसे टेलीविजन के बाकी शोज़ से अलग बनाती है। 
करणवीर और आपके बीच ऑन स्क्रीन केमेस्ट्री  कैसी है?
—इस शो में, अर्जुन मेरा बेस्ट  फ्रेंड होता है, लेकिन धीरे-धीरे मुझे यह अहसास होता है कि अर्जुन ही वह व्यक्ति है, जिसके साथ मैं पूरी जिंदगी बिताना चाहती हूं। वह मेरे परिवार का ध्यान रखता है और कई बार वह मेरी तरफ दारी करता है। अर्जुन को भी यह अहसास होता है कि वह भी मेरे लिये ऐसा ही महसूस करता है। इस शो में हमारी केमेस्ट्री का सार कुछ ऐसा है। 
इस शो को हां कहने की क्या वजह थी?
—मैं टेलीविजन पर हमेशा से ही रूमी जैसा किरदार निभाना चाहती थी। यह मेरा ड्रीम रोल था। जब इस शो में मेरे किरदार के बारे में बताया गया,  तो मैंने इसे हां कहने के लिये एक पल की भी देरी नहीं की।  
आपके ऑन-स्क्रीन पिता मनोज जोशी और आपके बीच रिश्ते। के बारे में कुछ बतायें।
—मनोज के पास जिस तरह का अनुभव है उससे मैं हैरान थी। कई बार मैं बस एक कोने में बैठ जाती हूं और उन्हें देखती हूं कि वह कितनी कुशलता के साथ अपने डायलॉग बोलते हैं। जब हम एक साथ शूटिंग कर रहे होते हैं तो उनका ध्यान केवल अपने डायलॉग पर नहीं होता है, बल्कि वह मुझे भी बताते हैं और यह दिखाते हैं कि कैसे अलग-अलग तरीकों से अपने अभिनय के हुनर को निखारा जा सकता है। मनोज जोशी के साथ काम करना मुफ्त में किसी एक्टिंग स्कूल में होने जैसा है, क्योंकि मुझे उनसे काफी कुछ सीखने को मिला है। 
क्या  आप अपने दर्शकों से कुछ कहना चाहेंगी?
हमारा शो ‘मंगलम् दंगलम्’ ज़रूर देखें। मुझे पक्का  विश्वास है कि ‘ससुर और जमाई’ के बीच हंसी से भरपूर ‘दंगल’ देखने में दर्शकों को मजा आने वाला है।

—पाखी