पंजाबी भाषा के सरोकारों संबंधी की बैठक

जालन्धर, 18 नवम्बर (जसपाल सिंह) : पंजाबी भाषा के सरोकारों सम्बंधी पंजाबी प्रेमियों की एक बैठक स्थानीय पंजाब प्रैस क्लब में हुई, जिसको सम्बोधित करते हुए विभिन्न अन्य प्रवक्ताओं ने मां-बोली पंजाबी की बेहतरी के लिए सांझी कौमियत स्थापित करने का निमंत्रण दिया। इसके साथ ही प्रवक्ताओं ने समूह पंजाबियों को धर्मों और जाति-पाति की भावनाओं से ऊपर उठ कर पंजाबी भाषा के लिए मिलकर कार्य करने पर पंजाबी भाषा को एक राजनीतिक मुद्दा बनाए जाने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया। इस मौके पर पंजाबी जागृति मंच के प्रधान और प्रसिद्ध पत्रकार सतनाम सिंह माणक ने पंजाबी भाषा के लिए कार्य कर रहे संगठनों की एक संयुक्त तालमेल कमेटी बनाने की घोषणा करते कहा कि इस कमेटी में पंजाबी के लिए कार्य करने वाली प्रमुख शख्सियतों को शामिल किया जाएगा व उसकी प्रत्येक 2 माह बाद बैठक होगी। उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा का मसला केवल मां-बोली के साथ ही नहीं जुड़ा हुआ बल्कि इसके साथ हमारे सभ्याचार, आर्थिक व सामाजिक सरोकार भी जुड़े हुए हैं व हम सभी का कर्त्तव्य बनता है कि हम मां-बोली के लिए एकजुट होकर कार्य करें। सम्बोधन करते पटियाला लोकसभा हलके से सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी ने पंजाबी भाषा को दरपेश चुनौतियों पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि यदि हम इसी तरह पंजाबी से बिमुख होते गए तो वह दिन दूर नहीं जब पंजाबी भाषा भी अन्य भाषाओं की तरह समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भाषा का मसला हमारी आर्थिकता और समाज के साथ भी जुड़ा हुआ है व हमें सुचेत होकर पंजाबी भाषा की बेहतरी के लिए प्रयास करने होंगे। इस मौके पर उन्होंने पर्यावरण और जल के संकट के मुद्दे भी उभारते हुए इनके प्रति पंजाबियों को संजीदा होने का निमंत्रण दिया। प्रसिद्ध वकील मित्तर सैन मीत ने कहा कि पंजाबी भाषा की बेहतरी के लिए सरकारों पर टेक छोड़कर हमें स्वयं प्रयास करना चाहिएं। प्रसिद्ध साहित्यकार सुरजीत  जज, महिन्द्र सिंह सेखों, पंजाब प्रैस क्लब के प्रधान डॉ. लखविन्द्र सिंह जौहल, चंडीगढ़ से आए श्री दीपक शर्मा, फोकलोर रिसर्च अकादमी के प्रधान रमेश यादव, हरमीत कौर बराड़, डॉ. अरविन्द्रपाल कौर, गुरप्रीत सिंह चंदबाजा, देवी दयाल शर्मा, कुलवंत सिंह दालम व अन्य पंजाबी प्रेमियों ने अपने विचार प्रकट करते हुए समूह पंजाबियों को अपने अपने स्तर पर पंजाबी की बेहतरी के लिए कार्य करने का निमंत्रण दिया। मंच का संचालन करते हुए श्री दीपक बाली महासचिव पंजाब जागृति मंच ने पंजाबी भाषा के प्रति अपनी चिंता का जिक्र किया।