1971 में हुए ‘ट्राईडेंट’ को याद करते हुए मनाया जाता है भारतीय नौसेना दिवस

एस.ए.एस. नगर, 3 दिसम्बर  : भारतीय जल सेना की शुरूआत 5 सितम्बर 1612 में की गई थी, जबकि 1934 में रॉयल इंडियन नौसेना की स्थापना की गई थी। देश की आज़ादी पश्चात 4 दिसम्बर 1971 की रात को लांच हुए ‘आप्रेशन ट्राईडेंट’ को इस दिन भारतीय जल सेना द्वारा याद करते हुए भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। इस दिन पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में कराची हार्बर (पाकिस्तान हैडक्वार्टर) पूरी तरह के साथ तबाह कर दिया गया था और इस आप्रेशन में पाकिस्तान जल सेना को इतना नुकसान पहुंचा कि वह किसी भी अन्य भारतीय जल सेना बेस पर हमला करने से असमर्थ हो गया था। वर्ष 1971 में कराची बंदरगाह पाकिस्तान के लिए बहुत महत्त्व रखता है। इस लिए इस बेस को पाकिस्तान व पाकिस्तान जल सेना की रीढ़ की हड्डी भी माना जाता था। इस दिन भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बेस को निशाना बनाते हुए हमला किया, जिसमें आईएनएस निप्ट, आईएनएस निर्घट और आईएनएस वीर मिसाईलों का इस्तेमाल भी किया गया था। भारतीय जल सेना ने करीब 90 मिनटों में ही पाकिस्तान के चार नौसेना जहाज़ तबाह करके पानी में डुबा दिए और पाकिस्तान के 500 से अधिक जल सैनिकों को भी खत्म कर दिया। ज़िक्रयोग्य है कि कराची से 250 किलोमीटर की दूरी पर भारतीय जल सेना बस को रोक दिया गया था, जबकि आदेश सांय तक 150 किलोमीटर दूरी तय करने का दिया गया था तथा हमला करने पश्चात 150 किलोमीटर वापस आने के लिए कहा गया था ताकि दुश्मन उन पर हमला न कर सके। इस हमले पश्चात पाकिस्तान के तेल टैंकों को लगी आग को 7 दिनों तक भी नहीं बुझाया जा सका और इस दौरान कराची हैडक्वार्टर बुरी तरह तबाह हो गया था। भारतीय जल सेना की इस हमले की रणनीति इतनी ज्यादा प्रभावशाली व बढ़िया थी कि भारतीय जल सेना को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा। यही कारण है कि इस युद्ध की याद में 4 दिसम्बर को नौसेना दिवस मनाया जाता है और भारतीय जल सेना द्वारा अपनी शक्ति व देश भक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। भारतीय जल सेना ने विशाखापटनम (सीपीआर) में एक आधुनिक औफशोर रेडिंग क्राफ्ट (ओआरसी) बनाया है, जिसने भारतीय सेना में शामिल होने के पश्चात इसकी शक्ति को ओर ज्यादा बढ़ा दिया है और इस तरह का जहाज़ पहले केवल अमरीका, रूस तथा जापान के पास ही था, जबकि अब यह जहाज़ भारतीय जल सेना का हिस्सा बन चुका है। बेशक भारतीय जल सेना काफी ताकतवर हो चुकी है, परंतु यह बात अफसोस के साथ कहनी पड़ती है कि पंजाब, हिमाचल व हरियाणा के बच्चों को भारतीय जल सेना में भर्ती होने सबंधी कोई जानकारी न होने कारण इन राज्यों के नौजवान इंडियन नौसेना व मर्चेंट नेवी में कोई अंतर न समझते हुए इसको एक निज़ी संस्था समझते हुए लाखों रुपए देकर मर्चेंट नौसेना में भर्ती हो रहे हैं, इसका यह भी कारण है कि केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय फौज की तरफ आवश्यक ध्यान केन्द्रित करते हुए ज़िला स्तर पर भर्ती प्रक्रिया चला कर नौजवानों को इस में भर्ती किया जा रहा है, परंतु इंडियन नौसेना द्वारा ऐसी कोई दिलचसपी न दिखाने कारण नौजवानों को यही रोज़गार लेने सबंधी जानकारी न होने करके वे इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने से वंचित रह जाते हैं।