पैट्रोल, डीज़ल पर वैट दर को लेकर 10 दिन की मोहलत मांगी वित्त मंत्री ने

जालन्धर, 17 दिसम्बर (शिव शर्मा): पंजाब के पैट्रोल पम्प मालिकों के संगठन ने वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को पैट्रोल व डीज़ल पर वैट की दर घटाने के लिए ज्ञापन देते हुए, साथ ही आंकड़े पेश किए हैं कि किस तरह से पंजाब का वार्षिक 700 करोड़ रुपए दूसरे राज्यों को वैट वसूली के रूप में जा रहा है। इस बारे वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पैट्रोल पम्प मालिकों के प्रतिनिधिमंडल से 10 दिन के समय की मोहलत लेते हुए आश्वासन देते हुए कहा कि वे दिए गए आंकड़ों बारे जानकारी लेकर उनसे इस मामले का ज़रूर हल निकालने का प्रयास करेंगे।  वित्त मंत्री को मिलने वालों में पंजाब सरकार के वित्तीय सलाहकार वी.के. गर्ग, विधायक बावा हैनरी जालन्धर, पैट्रोल पम्प डीलर एसोसिएशन पंजाब के प्रधान परमजीत सिंह दोआबा, महासचिव मनजीत सिंह, कोषाध्यक्ष रणजीत सिंह, चेयरमैन वैट मामले पंजाब पैट्रोल, डीज़ल अशविन्द्र सिंह मोंगिया शामिल थे। पैट्रोल पम्प मालिकों ने इस मामले में बताते हुए कहा कि पंजाब में पैट्रोल व डीज़ल की वैट दर अधिक होने के कारण चंडीगढ़ में पैट्रोल 10 रुपए व डीज़ल 4 रुपए सस्ता है। तस्करी कर पैट्रोल व डीज़ल लाकर पंजाब में बेचा जा रहा है तथा गत दिनों 2500 लीटर पकड़े गए टैंकर के मामले बारे भी जानकारी दी। वित्त मंत्री को दी गई जानकारी में संगठन ने कहा कि वैट की दरें पंजाब में अधिक होने के कारण हरियाणा के अम्बाला में डीज़ल 1.07 रुपए सस्ता, जम्मू-कश्मीर में 1.68 रुपए प्रति लीटर, हिमाचल के नालागढ़ में 3.04 रुपए प्रति लीटर व चंडीगढ़ में लगभग 3.85 रुपए प्रति लीटर डीज़ल सस्ता है जबकि पैट्रोल पंजाब के मुकाबले हरियाणा के अम्बाला में 5.04 रुपए प्रति लीटर, जम्मू-कश्मीर में 5.80 रुपए, हिमाचल के नालागढ़ में 7.13 रुपए तथा चंडीगढ़ में 9.53 रुपए प्रति लीटर के लगभग सस्ता है।  संगठन का कहना था कि पंजाब में पैट्रोल व डीज़ल पर वैट की दरें अधिक होने के कारण पिछले पांच वर्षों में हरियाणा की पैट्रोल व डीज़ल की बिक्री में 9 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश की 9 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर की 20 प्रतिशत, राजस्थान की बिक्री 9 प्रतिशत, दिल्ली की 10 प्रतिशत पैट्रोल, डीज़ल की बिक्री में वृद्धि हुई है जबकि पंजाब की पिछले पांच वर्षों में 3 प्रतिशत बिक्री घटी है। संगठन का कहना था कि वैट की अधिक दरें होने के कारण ट्रांसपोर्ट कारोबार के अतिरिक्त किसानों पर अधिक मार पड़ी है जिससे पैट्रोल व डीज़ल पर वैट की दरें घटाई जाएं।