साहिबज़ादों की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता : सुमित्रा महाजन

नई दिल्ली 27 दिसम्बर (वार्ता/ उपमा डागा पारथ) : लोकसभा ने आज गुरु गोबिंद सिंह के बेटों की शहादत को याद किया और उनकी वीरता तथा बहादुरी की प्रशंसा की। सदन में शून्यकाल के दौरान विभिन्न पार्टियों के सिख सदस्यों ने इस विषय पर अपनी बात रखी। इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा ‘यह सिर्फ सिख या एक धर्म का सवाल नहीं है। छोटे-छोटे बच्चों ने देश के लिए शहादत दी है। पूरा सदन उनकी शहादत, बहादुरी, शौर्य और धैर्य के साथ है।’ उनकी शहादत को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि पूरा सदन इस घटना पर संवेदना व्यक्त करता है। आम आदमी पार्टी के भगवंत मान ने 300 साल से ज्यादा पुरानी इस घटना का उल्लेख करते हुये कहा कि सदन की यह परंपरा रही है कि किसी धर्म के खास दिन पर संदेश दिया जाता है। वर्ष 1705 में देश की रक्षा में लड़ते हुए गुरु गोबिंद सिंह के दो साहिबजादे शहीद हो गये थे, जबकि दो को दीवार में चुनवा दिया गया था। शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि इस सप्ताह गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्र और माता गुजरी शहीद हुई थीं। 8 साल के बाबा जोरावर सिंह और 6 साल के बाबा फतेह सिंह को दीवार में चुनवा दिया गया था। कांग्रेस की रंजीत रंजन ने कहा कि दो छोटे साहिबजादों के दीवार में चुनवा दिये जाने से पहले बड़े साहिबजादों अजीत सिंह और जुझार सिंह भी युद्ध में शहीद हुए थे। श्री चंदूमाजरा और श्रीमती रंजन ने सदन में दो मिनट के मौन का भी आग्रह किया। भारतीय जनता पार्टी के एस।एस। आहलूवालिया ने सदन से शोक प्रस्ताव पारित कराने का आग्रह किया।