पाकिस्तान ने भारत के साथ साझा किया करतारपुर गलियारा समझौते का प्रारूप

अमृतसर,, 21 जनवरी (सुरिंदर कोछड़) : श्री करतारपुर साहिब-डेरा बाबा नानक साझा गलियारे के व्यवहारिक हल के लिए ‘मैमोरंडम आफ अंडरड्रस्टैडिंग’ अर्थात् साझे गलियारे को लेकर आपसी लिखित समझौते की कार्रवाई शुरू करने के लिए पाकिस्तान द्वारा भारत सरकार को निमंत्रण भेजा गया है। इसमें पाकिस्तान  ने भारत को कहा कि गलियारे को सुचारु ढंग से शुरू करने के लिए इस संबंधी समझौते को अंतिम रूप देना बहुत ज़रूरी है, जिसके लिए भारत सरकार जल्दी अपना एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान भेजेगी। पाकिस्तान ने इस समझौते को लेकर तैयार किया गया प्रारूप इस्लामाबाद स्थित भारतीय हाई कमिशन के अधिकारी को सौंपा। पाक सरकार द्वारा इस संबंधी बातचीत करने के लिए डायरैक्टर जनरल साऊथ एशिया और सारक केन्द्रीय व्यक्ति नियुक्त किया गया है और इसके साथ ही भारत की ओर से मांग की गई है कि भारत सरकार भी इस मामले को लेकर अपनी और से केन्द्रीय व्यक्ति जल्दी नियुक्त करे। वर्णनीय है कि लगभग दो सप्ताह पहले भी पाकिस्तान द्वारा इस उक्त समझौते को लेकर 14 शर्तों का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया था। इस प्रस्ताव में दर्ज  शर्तों के अनुसार बताया गया था कि करतारपुर गलियारे की मार्फ्त भारतीय सिख यात्री बिना वीज़ा के परमिट द्वारा यह यात्रा कर सकेंगे। दोनों देशों को अपनी-अपनी तरफ जांच व सुरक्षा चौंकियों सड़कों, इमीग्रेशन दफ्तर व अन्य बुनियादी ढांचे कायम करने होंगे। यात्रियों की संख्या अन्य उन संबंधी अन्य जानकारी का मुकम्मल रिकार्ड रखा जाएगा। इसके साथ-साथ श्री दरबार साहिब करतारपुर आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं को चार प्रमुख शर्तों का पालन करना होगा। जिसके अधिक यात्री कम से 15 सदस्यों के समूह में आएंगे, हर एक के पास  भारतीय पासपोर्ट व सिक्योरिटी क्लीयरैंस सर्टीफिकेट होना ज़रूरी  रहेगा। यात्रा पर आने पर कम-कम तीन दिन पहले सूचना देनी रहेगी व श्रद्धालु गुरद्वारा साहिब में अपने व उससे बाहर नहीं जा सकेंगे। यात्री वहां रात नहीं रुक सकेंगे व निर्धारित समय के अंदर उन्हें वापस जाना होगा। उक्त के अलावा गलियारे की मार्फ्त रोजाना 500 श्रद्धालु ही गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर में पहुंच सकेंगे। यात्रियों को रोज़ाना सुबह 8 बजे से सायं 5 बजे तक 9 घण्टे के लिए गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने की मंज़ूरी होगी। सुरक्षा को ध्यान में रखते यात्रियों को आने से इन्कार करने या यात्रा के लिए दिया समय कम करने का पाक सरकार को पूरा अधिकार होगा। भारत से आने वाले यात्रियों को यह समझाना भारत की जिम्मेवारी होगी कि श्रद्धालु पाक आने में किसी प्रकार का कोई नियम भंग न करे और गुरुद्वारा साहिब से बाहर जाने की कोशिश न करें। इस गलियारे को लेकर यदि भविष्य में कोई विवाद उठता है तो दोनों देशों के कूटनीतिक संयुक्त तौर पर उसको हल करने के प्रयास करेंगे। इस गलियारे को लेकर किसी भी तरह की तबदीली करने की ज़रूरत महसूस होने पर यह कार्रवाई लिखती तौर पर की जाएगी। इन शर्तों के अतिरिक्त इस संयुक्त गलियारे को लेकर आपसी लिखित समझौते में पाकिस्तान सरकार ने यह भी शर्त रखी है कि इस उक्त समझौते का कोई भी प्रभाव पाक-भारत में हुए पुराने द्विपक्षीय समझौतों पर नहीं पड़ेगा और भविष्य में जब भी दोनों देशों में किसी ने भी श्री करतारपुर साहिब-डेरा बाबा नानक गलियारे को लेकर किया समझौता तोड़ना हो तो वह दूसरे देश को कम से कम एक माह पहले लिखित नोटिस देगा।