2019 जीतना है! मोदी सरकार का चुनावी स्ट्रोक

नई दिल्ली, 1 फरवरी (भाषा): आम चुनावों से ठीक पहले ज्यादा से ज्यादा वर्गों को खुश करने की जोरदार कोशिश के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और मज़दूरों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं कीं। प्रस्तावों में सरकार ने मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की पांच लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने तथा दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की पेशकश की है। वहीं पांच करोड़ रुपए का कारोबार करने वाले व्यापारी वर्ग को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न भरने में छूट दी गई है जिसके तहत मासिक के बदले तिमाही रिटर्न भरने की सुविधा दी जाएगी। अंतरिम बजट भाषण को कमोबेश पूर्ण बजट में बदलते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने उन वर्गों का खास खयाल रखा है जिनके चलते माना जा रहा था कि भाजपा को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में, खासकर मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ व राजस्थान में, नुक्सान हुआ। किसानों व मध्यम वर्ग के अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए मेगा पैंशन योजना की घोषणा पीयूष गोयल ने की। इन तीन क्षेत्रों के लिए बजट प्रस्तावों में कुल मिला कर करीब सवा लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जिसके जरिए लगभग 25 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। आम चुनाव से पहले आमतौर पर सरकार अंतरिम बजट पेश करती है जिसमें नई सरकार बनने तक के लिए चार माह का लेखानुदान पारित कराया जाता है। चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी। गोयल को अरुण जेतली के स्थान पर वित्त मंत्री बनाया गया है। जेतली अपना इलाज कराने अमरीका गये हैं। सरकार ने बजट में दो हेक्टयेर तक की जोत वाले छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए तीन हज़ार रुपये की पेंशन देने के लिए ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पैंशन योजना’ शुरू करने का प्रस्ताव किया है। किसानों को सालभर में दो-दो हज़ार रुपए की तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये उनके खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे। इसके लिए अगले वित्त वर्ष में 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। गोयल ने कहा, यह योजना इसी वित्त वर्ष से लागू हो जाएगी और इसके लिए 20,000 करोड़ रुपए को प्रावधान किया गया है। पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा तबके की मांग को स्वीकार करते हुए पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को कर मुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि वह कर स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन पांच लाख रुपये तक की आय पर कर से पूरी छूट होगी। उन्होंने कहा ‘यदि आपने कर छूट वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश किया है तो साढ़े 6 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। इसके अलावा यदि आवास ऋण लिया गया है तो उसके 2 लाख रुपये तक के ब्याज भुगतान पर भी कर छूट उपलब्ध होगी। पेंशन योजना एनपीएस पर पचास हज़ार रुपये की अतिरिक्त कर छूट है।’ बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। मौजूदा कर स्लैब के मुताबिक ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक वार्षिक आय पर पांच प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लागू है। 60 वर्ष और उससे अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम के वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीन लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है जबकि 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की 5 लाख रुपये तक की आय पहले से ही कर मुक्त है। वित्त मंत्री ने कहा कि वह आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन ‘पांच लाख रुपये तक आय को आयकर से छूट देने का प्रस्ताव किया जाता है।’वित्त मंत्री ने अचल संपत्ति की बिक्री से मिलने वाले 2 करोड़ रुपये तक के पूंजीगत लाभ को अब दो आवासीय संपत्तियों में निवेश करने पर कर में छूट का प्रावधान करने का प्रस्ताव किया है। अब तक यह छूट एक सम्पत्ति के लिए मिलती है। अब तक ऐसे पूंजीगत लाभ को एक साल के भीतर एक ही आवास में निवेश करने की सुविधा थी। हालांकि,उन्होंने कहा कि इस छूट का लाभ जीवन में एक बार के लिए है। बैंकों और डाकघर में जमा पर मिलने वाले ब्याज पर अब 10,000 रुपये के बजाय 40,000 रुपये तक के ब्याज पर छूट उपलब्ध होगी। इसके साथ ही अब किराये से होने वाली 2.40 लाख रुपये तक की आय पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नहीं होगी। पहले यह सीमा 1.80 लाख रुपये तक थी। गोयल ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किये जाने से सरकार राजकोषीय घाटे को 3.3 प्रतिशत के दायरे में नहीं रख पाई और यह 3.4 प्रतिशत पर पहुंच गया। गोयल ने बजट में हरियाणा में देश का 22वां एम्स खोले जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस समय देशभर में 21 एम्स या तो स्थापित हो रहे हैं अथवा संचालित हो रहे हैं। इनमें से 14 एम्स की घोषणा 2014 के बाद की गई। देश में गोवंश की वृद्धि के लिए बजट में राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की स्थापना की भी घोषणा की गई। बजट में पशुपालन और मत्स्य पालन में लगे किसानों को ब्याज में  दो प्रतिशत सहायता देने की भी घोषणा की गई।