चुनमुन...

‘मम्मा-मम्मा, देखो तो मैं क्या लाया हूं ...चहकते हुए सौम्य बोला।’ रसोई में रोटी बना रही मां ने जबाव दिया रे आ रही हूं बेटा...बस दो मिनट में, नहीं मम्मा अभी आओ ...देखो मेरे पास क्या है ? सौम्य जिद्द करता हुआ बोला—अरे! इतनी सुंदर चिड़िया तुमको कहां से मिली...और तुम इसे पकड़ कर क्यों लाये? ‘मां ने पूछा तो सौम्य ने जबाव दिया ‘मम्मा आपने जो रोटी घर की मुंडेर पर रखी थी...ये उसे ही खा रही थी कि तभी मैंने इसे पकड़ लिया। तभी तो मैं इनके खाने के लिए रोटी और दाना, पीने के लिए पानी रखती हूं हर रोज.. मां ने जबाव दिया, ‘तो क्या मैं इसे अपने पास ही रख लूं मम्मा। पापा से एक पिंजरा मंगा लूंगा। जिज्ञासावश सौम्य ने पूछा—नहीं बेटा, ऐसा नहीं करते। पक्षी खुले आसमान में उड़ते हैं, उनको इस तरह कैद नहीं किया जाता। मां ने उसे समझाया। लेकिन मम्मा मुझे तो इसके साथ खेलना है हर रोज। ‘सौम्य पैर पटकते हुए बोला’ ठीक है तुम रोज खेला करो इसके साथ ...प्यार से खेलोगे तो कुछ ही दिनों में ये तुम्हारी दोस्त बन जाएगी। ये तो रोज ही रोटी खाने आती है ‘माँ ने समझाया तो सौम्य ने कुछ देर उसके साथ खेला और उसे अपनी हथेलियों पर दाना रखकर खिलाया। थोड़ी देर बाद उसे बाई कह दिया ‘अब तो ये रोज का ही सिलसिला हो गया’ कुछ ही दिनों में वो दोनों अच्छे दोस्त बन गए ‘अब चिड़िया रोज दोपहर में आती और सौम्य बहुत खुश होता। एक दिन जब दोनों छत पर खेल रहे थे तो एक पीली रंग की पतंग की डोर चिड़िया से उलझ गयी और छत पर आकर गिर गयी। मम्मा जल्दी आओ देखो तो चुनमुन को क्या हो गया? सौम्य ने रोते हुए  मां को आवाज दी। मां छत पर आई तो देखा कि चुनमुन लहूलुहान नीचे गिरी थी और सौम्य उसको देखकर रो रहा था। मत रो बेटे , इसको जल्दी से किसी डॉक्टर के पास ले चलते हैं ये अभी ठीक हो जाएगी। मां ने चुनमुन को उठाया और पास के ही पशु चिकित्सक के पास ले गयी। डॉक्टर ने उसके घाव साफ  करके उस पर लोशन लगा दिया और बोला, घबराओ नहीं बेटा कुछ नहीं हुआ तुम्हारी दोस्त को..वो कुछ दिनों में ठीक जो जाएगी। बस तुम इसका ध्यान रखना। जी अंकल मैं इसका ध्यान रखूंगा ‘डॉक्टर को थैंक्यू कहकर सौम्य घर आ गया’। कुछ दिन उसकी देखभाल करने के बाद चुनमुन ठीक हो गयी। इतने दिन वो सौम्य के साथ ही रही, जब वो ठीक हो गयी तो सौम्य ने अपनी मां से कहा, मम्मा अब तो चुनमुन ठीक हो गयी तो क्या इसे आसमान में उड़ा दूं,  जैसी तुम्हारी मर्जी —मां ने उत्तर दिया। सौम्य को मां की बात अब तक याद थी कि पक्षी आकाश में ही उड़ना पसन्द करते हैं। घर में कैद कर रखना उनके साथ अत्याचार करने जैसा है। यही सोचकर सौम्य ने उसे अलविदा कहा और ऊंचे आसमान में उड़ा दिया।