प्राकृतिक सौन्दर्य की धरती अंडमान निकोबार

अंडमान की सौम्यता और उसके प्राकृतिक सौंदर्य को आधुनिक युग जरा भी कम नहीं कर पाया है। यहां आकर आपको एक असीम शांति की अनुभूति होगी। साफ-स्वच्छ सागर तट, अतीत की स्मृतियों को अपने में समेटे खंडहर और अनेक प्रकार की दुर्लभ प्रजाति की वनस्पतियों को अंडमान आज भी अपने आगोश में संजोए हुए है। 
भारतीय इतिहास में ‘काला पानी’ के नाम से प्रसिद्ध अंडमान द्वीप, अब एक बेहतरीन पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात हो चुका है। यहां मौजूद सैलुलर जेल में स्वाधीनता संघर्ष के लिए अपने प्राण गंवाने वाले देश प्रेमियों की दास्तां दर्ज है। इसके साथ ही, यहां का लुभावना प्राकृतिक सौंदर्य और तटों से टकराती सागर की लहरों की मोहक सुंदरता अपने आप में बेमिसाल है। 
प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर अंडमान निकोबार में कई स्थल देखने लायक हैं। यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है सैलुलर जेल। यह कारागार 7 शाखाओं में बंटा हुआ है। इस कारागार के पास ही स्थित है एक पुराना पीपल का पेड़ जो सैंकड़ों भारतीय स्वाधीनता सेनानियों पर किए गए अंग्रेजी सरकार के अत्याचार का मूक गवाह है। ब्रिटिश शासकों ने सैलुलर जेल की नींव 1897 में रखी थी। इसके अंदर 694 कोठरियां हैं जिन्हें इस तरह बनाया गया था कि कैदियों का आपस में मेलमिलाप न हो पाए। ऑक्टोपस की तरह कई शाखाओं का फैलाव लिए इस विशालकाय कारागार के अब केवल 3 अंश बचे हैं। 
इस कारागार की दीवारों पर उन शहीदों के नाम खुदे हैं जिन्होंने देश पर अपने प्राण न्योछावर कर दिए। जेल के पास एक संग्रहालय स्थित है। इसमें उन अस्त्र-शस्त्रों को सुरक्षित रखा गया है जिनसे स्वाधीनता सेनानियों पर अत्याचार किए जाते थे। इसके साथ ही कुछ दुर्लभ दस्तावेज भी मौजूद हैं। 
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अंडमान की राजधानी पोर्टब्लेयर में पर्यटकों की सुविधाओं और उनके मनोरंजन के कई इंतजाम किए गए हैं। यहां जलक्रीड़ा की भी व्यवस्था है जो एक अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र है। यहां स्थित ‘माउंट हैरी’ पिकनिक स्पॉट के रूप में मशहूर है। किसी जमाने में पराधीन भारत से लाए गए बंदियों को पोर्ट ब्लेयर के पास वाइपर द्वीप पर उतारा जाता था। अब इसे भी एक पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित कर दिया गया है। 
इसी तरह सिंक और रैडस्किन द्वीपों से भी सागर के सौंदर्य को निहारा जा सकता है। यहां पर सी बोटिंग, वाटर स्कीइंग, वाटर सर्फिंग, वाटर स्कूटर की सुविधाएं उपलब्ध हैं यानी, यहां वाटर एडवेंचर गेम्स का भी लुत्फ उठाया जा सकता है।  हरे-भरे वृक्षों से घिरा कार्बिन कोव्स बीच एक मनोरम स्थल है जहां आप समुद्र में डुबकी लगाकर तैरते हुए पानी के नीचे की दुनिया का अवलोकन कर सकते हैं लेकिन इससे पहले ज्वार का समय और पानी के बहाव के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त करना ज़रूरी है। पर्यटक यहां सूर्यास्त का अद्भुत नज़ारा भी देखते हैं। यह ‘बीच’ प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। 
80 एकड़ में फैले पिपोघाट फार्म में दुर्लभ प्रजातियों के पेड़-पौधों और अनेक जीव-जन्तुओं का अवलोकन किया जा सकता है। एशिया की सबसे प्राचीन लकड़ी कटाई की मशीन ‘छाथम सा मिल’ यहीं पर है। इसके अलावा, यहां 2 संग्रहालय और चिड़ियाघर भी देखने योग्य हैं। पैलियोलिथिक युग में रहने वाले मनुष्यों की जीवन शैली का संपूर्ण चित्रण यहां स्थित समुद्री म्यूजियम में मौजूद है। 
पोर्टब्लेयर के नज़दीक स्थित है ‘रॉस द्वीप’। छोटी-छोटी खाड़ियों से घिरा यह छोटा सा द्वीप अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। 50 वर्षों से भी ज्यादा समय तक यह अंग्रेजों के अधीन था। यहां स्थिति ब्रिटिशकालीन खंडहरों में वास्तुशिल्प के बेजोड़ नमूने देखे जा सकते हैं। यह द्वीप 200 एकड़ में फैला हुआ है। फीनिक्स उपसागर से नाव द्वारा कुछ ही मिनटों में यहां पहुंचा जा सकता है। 
अंडमान निकोबार जाने के लिए कोलकाता, चेन्नई और विशाखापट्टनम से पानी के जहाज द्वारा पोर्टब्लेयर जा सकते हैं। जाने में 2-3 दिन का समय लगता है। विमान सप्ताह में 3 बार पोर्टब्लेयर से चेन्नई, दिल्ली और भुवनेश्वर आते-जाते हैं। सप्ताह में 3 बार ये कोलकाता के लिए भी उड़ान भरते हैं।  ठहरने के लिए द अंडमान बीच रिजॉर्ट कराविन्स कोव, द अंडमान वे आईलैंड मैरीन हिल, पोर्टब्लेयर, निकोबारीब काटेजेज, मेगापोड नेस्ट जैसे कई होटलों में ठहरने की उचित व्यवस्था है। वैसे वर्षभर यहां खूब रौनक रहती है, फिर भी घूमने के लिए अक्तूबर से जून तक का समय यहां के लिए सबसे उत्तम होता है। (उर्वशी)

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