भीषण गर्मी में किसान पानी के लिए तरस रहे फिर भी हज़ारों क्यूसिक पानी पाकिस्तान भेजा जा रहा 

फिरोज़पुर, 9 जून (जसविन्द्र सिंह संधू): स्वदेशी खाना-पहनना व स्वदेशी खरीदने का शौर मचाने वाली सरकारे व पाकिस्तान को पानी ना देने का दायवा करने वाले केन्द्रीय मंत्रियों के आदेशों के विपरीत पानी जमा रखने वाले डैम पूरे भरने का फायदा गर्मी से जली व प्यासी पड़ी जमीनों को सिंचने के लिए पंजाब के किसानों को ना दे और नहरों-सेम नालों में छोड़ धरती के नीचले पानी को रीचार्ज करने की बजाए हजारों क्यूसिक पानी प्रतिदिन पाकिस्तान भेजा जा रहा है, क्योकि मालवें के किसान पानी ना मिलने के कारण तृह-तृह कर रहे है, क्योंकि पंजाब में 55 हज़ार हैक्टेयर किन्नू के ब़ागों नीचला रकबा और 4 लाख हैक्टेयर नर्मे नीचला रकबा पानी की कमी के कारण जल कर सूख रहा है। सरकारों की उक्त योजनाऐं लोगों की समझ से बाहर है कि पंजाब का किसान पानी को तरस रहा, पर सरकार कुछ दिनों से लाखों क्यूसिक पानी प्रतिदिन बेरोक-टोक होकर पाकिस्तान की और भेज रही है, जो आने वाले समय में भी निरंतर जारी रहने की संभावनाऐं है, जिनको लेकर पंजाब का किसान परेशानी के आलम में है कि चुनावों से पहले रावी आदि दरियाओं का बहाव भी पाकिस्तान की और मुड़ भारत देश की और कर पानी की एक बूंद भी पाकिस्तान को ना देने का ढंडोरा पीटने वाली सरकारें अब खुद ही सतलुज, ब्यास दरिया के अमृत रू पी पानी की संभाल धरती के नीचले पानी को रीचार्ज करने और पंजाब के खेत सिंचने के लिए किसानों को देने की बजाए पाकिस्तान को दे रही है, जो सरकार की यह नीति मजबूरी नहीं, अपितु आर्थिक लकीरों से उतर चुके किसानों को मारने वाली साजिश का हिस्सा साबित होती है। बतानेयोग्य है कि पहाड़ी क्षेत्र में भारी बारिशों और भीषण गर्मी के कारण ग्लेशियर पिघलने के कारण डैमों अन्दर पानी का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। 1690 फीट तक पानी की समर्था रखने वाले भाखड़ा डैम अंदर आज पानी का स्तर 1610,98 फीट नापा गया, जहां पहाड़ों में 27760 क्यूसिक पानी की आमद थी, जहां करीब 35 हज़ार क्यूसिक पानी नीचे छोड़ा गया। 1423 फीट तक पानी जमां रखने की समर्था वाले पौंग डैम अंदर पानी का स्तर आज सुबह 1333.70 फीट नापा गया, जहां 3393 क्यूसिक पानी आ रहा था व 8004 क्यूसिक नीचे छोड़ा जा रहा था। रणजीत सागर डैम पर आज पानी का स्तर 514.95 मीटर नापा गया, जहां पानी की आमद 9653 क्यूसिक और 15773 क्यूसिक नीचे छोड़ा जा रहा था। रोपड़ हैड वर्कस पर पानी की आमद 20720 क्यूसिक थी, जहां नीचे 15420 था। रोपड़ हैड वर्कर पर पानी की आमद 20720 क्यूसिक थी, जहां नीचे 15420 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। हरीके हैड वर्कस पर ब्यास और सतलुज दरियाओं द्वारा 33134 क्यूसिक पानी की आमद नापी गई, जहां इन्द्रा गांधी और फिरोज़पुर फीडर नहर में पानी छोड़ने के अलावा 13999 क्यूसिक पानी सतलुज दरिया में नीचे की और छोड़ा गया। हुसैनीवाला हैड वर्कस पर पहुंच रहा 14 हज़ार के करीब क्यूसिक पानी को संभालने की सिंचाई विभाग के पास समर्था ना होने के कारण नहरों की बंदी होने के कारण सारा अति कीमती पानी पाकिस्तान की और पिछले कुछ दिनों से दिन-रात भेज जा रहा है, जिसका सीधा नुकसान मालवें के नर्मा, बागों आदि फलीदार फसलों के नीचले रकबा लाने वाले हजारों किसानों के अलावा लाखों एकड़ रकबे में धान लगाने की तैयारी किए बैठे उन लाखों किसानों को है, जिनके खेत गर्मी से जलने के कारण प्यासे है, जिनको 13 ताऱीख के पश्चात् लाखों रुपए का डीज़ल जलाकर धरती के नीचे से पानी निकाल कर सिंचने पड़ने है। नही की नहरों-सेम नालों की सफाई : किसानों के खेतों तक पानी पहुंचता करने के लिए निकाली गई नहरों और अधिक पानी की मार से बचाने के लिए निकाले गए सेम नालों की सफाई का पंजाब सरकार के सिंचाई विभाग ने कोई भी परवाह नहीं किया। उक्त काम अब पंचायतों द्वारा नरेगा मजदूर हवाले किया हुआ होने के कारण धान लगाए जाने की सरकार द्वारा तय की ताऱीख 13 जून करीब आ जाने के बावजूद भी बहुत से माईनरों की मुकम्मल सफाई नहीं हुई। और तो और हुसैनीवाला हैड वर्कस पर पानी जमां करके वहां से निकलती गंग कैनाल और इंस्टरन मंडल फिरोज़पुर नहरों की भी मुकम्मल मुरम्मत नहीं की गई। गंग कैनाल जिसका पानी राजस्थान तक जाता है, अन्दर बड़े स्तर पर कलाली भरी पड़ी है, जिसकी सफाई करवाना काम सिंचाई विभाग का है। 
किसान जत्थेबंदियों ने भी धारी चुप्पी :
किसानों के रक्षक कहलाने वाले किसान संगठन भी उक्त मामले को लेकर पता नहीं क्योूं चुप्पी धारण किए बैठे हुए हैं, कोई भी पानी ना मिलने पर तृह-तृह कर रहे मैदान क्षेत्रों के किसानों की आवाज़ बुलंद नहीं कर रहा। ऊधर दरिया भरने के कारण दरियाई क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों के खेतों में रखे तूड़ी, पशु आदि पानी में बह रहे है और सब्जियां आदि बोई फसलें डूब जाने के कारण तबाह हो रही है। सिंचाई विभाग अधिकारियों ने फोन उठाना नहीं समझा मुनासिब पाकिस्तान की और छोड़ जा रहे हजारों पानी और मालवें के सोखा झेल रहे किसानों के मौजूदा हालातों संबंधी सिंचाई विभाग की कार्यगुजारी के बारे में पक्ष जानने के लिए बार-बार संपर्क करने पर सिंचाई विभाग फिरोज़पुर मंडल के एस.ई गुरलाभ सिंह चाहल आदि अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया।