अफगानी कनाडा में भारतीयों से अधिक देखते हैं हिन्दी फिल्में

एडमिंटन, 27 जुलाई (दर्शन सिंह जटाणा): जब कोई भी भारतीय कनाडा के सिनेमाघर में फिल्म देखने जाते हैं तो सबसे अधिक संख्या अफगान स्थानियों की देखी जाती है। इस समय हैरानी होती है तथा खुशी भी होती है कि हमारी भारतीय फिल्मों का क्रेज दूसरे देश के लोगों में भी पाया जाता है। जब इस संबंधी कुछ अफगानी लोगों से बात की तो हैरानी और भी होती है जब वह खालस हिन्दी बोलते हैं। इंजत खान बदरीराज जलालाबाद का कहना है कि उसने सबसे पहले 1996 में पाकिस्तान में दलीप कुमार की फिल्म संगम देखी थी जिसमें गीत था ‘हर दिल जो प्यार करेगा बो गाना गाएगा’ बस उसके बाद वह हिन्दी फिल्मों का दीवाना हो गया। वकील मासूम का कहना कि उसने पहली फिल्म छोले देखी थी, अब तक हिन्दी फिल्में देखता आ रहा है। साहइद अरमानी का कहना है कि इसने दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे, जाविद रहिमानी का कहना मेरा मनपसंद हीरो संजय दत्त हैं। वर्णनीय है कि इन लोगों ने हिन्दी पाकिस्तान के साथ मिलती उर्दू से सीखी व फिर भारतीय फिल्मों के दीवान हो गए।