बॉलीवुड के अनमोल रत्न अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन हिंदी सिनेमा के एक परिपूर्ण नायक हैं। मेरी निगाह में, हिंदी सिनेमा में उनके जितना परिपूर्ण नायक कोई दूसरा नहीं है। हमारी (सलीम-जावेद) लिखी फिल्म जंजीर में अमिताभ ने इतिहास रचा। यह फिल्म बॉलीवुड के सिनेमाई सफर में मील का एक पत्थर है। आज भी कला प्रेमियों को जंजीर के अमिताभ नहीं भूले और मेरा दावा है जब तक हिंदी सिनेमा है, उसके चाहने वाले हैं, तब तक अमिताभ अमर हैं। अमिताभ के चलते ही जंजीर फिल्म भी हमेशा याद रखी जायेगी। वास्तव में यह जंजीर फिल्म ही थी, जिसने उन्हें एंग्री यंग मैन का खिताब दिलाया। अमिताभ इतने प्रतिभाशाली अभिनेता हैं कि अगर उन्हें दादा साहब फालके पुरस्कार नहीं मिलता तो यह पुरस्कार की शान में बट्टा होता।  मुझे बरसों से इस खबर की प्रतीक्षा थी। क्योंकि मुझे भरोसा था कि एक न एक दिन अमिताभ बच्चन को दादा साहब फालके पुरस्कार जरूर मिलेगा। मेरे लिए अमिताभ बच्चन को दादा साहब फालके पुरस्कार की घोषणा निश्चित रूप से खुशी की बात है। ऐसा इसलिए नहीं है कि अमिताभ ने मेरी लिखी पटकथाओं पर जबरदस्त अभिनय किया है, ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वे मेरे बॉलीवुड के सबसे पसंदीदा अभिनेता हैं। मेरा मानना है कि भारतीय फिल्मों का सफर अमिताभ के बिना पूरा ही नहीं होता। बॉलीवुड में और भी बहुत से सशक्त अभिनेता हुए हैं, जिन्होंने अपने से बाद वाली पीढ़ियों को प्रभावित किया है। लेकिन अमिताभ एक ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने न सिर्फ अपने से बाद वाली पीढ़ियों को बल्कि अपने साथ वाली और अपने से पहले वाली पीढ़ियों को भी खूब प्रभावित किया है। अमिताभ भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के पहले ऐसे अभिनेता हैं, जिनका देश की हर फिल्म इंडस्ट्री में उतना ही सम्मान है, जितना कि बॉलीवुड में। अमिताभ से सिर्फ  हिंदी सिनेमा की नयी पीढ़ी ही प्रभावित नहीं हुई बल्कि तमिल, तेलगू, कन्नड़, बांग्ला, मलयालम और मराठी फिल्म इंडस्ट्री की नयी व उनकी समकालीन पीढ़ियां प्रभावित रहीं। अमिताभ एक नहीं, कई मायनों में बहुत प्रभावित करते हैं। अगर सिनेमा की भाषा
में कहा जाए तो वह एक ‘कंप्लीट पैकेज’ हैं। अमिताभ बहुत बड़े सिने अभिनेता तो हैं ही, वह अच्छे-खासे गायक भी हैं। अमिताभ में बहुत सारी खूबियां एक जगह आकर इकट्ठी हो गई हैं। वे बॉलीवुड में सबसे अलग हैं। क्योंकि बॉलीवुड में उनके जितना प्रतिभाशाली न तो कोई दूसरा अभिनेता है और न ही अभी तक ऐसा कोई अभिनेता आया है। भविष्य में उनसे भी कोई बेहतर अभिनेता आये तो अलग बात है। 
हालांकि अमिताभ की पहचान हमारी लिखी कहानियों के चलते एंग्री यंग मैन के रूप में सबसे ज्यादा है। लेकिन अमिताभ बच्चन ने रजतपट पर आम आदमी के रोल को भी उतनी ही शिद्दत से निभाया है, जितनी शिद्दत से उन्हें एक बैचेन गुस्से वाले नायक के रूप में देखा और जाना जाता है। अमिताभ के जितनी सशक्त आवाज किसी दूसरे अभिनेता के पास नहीं है। अमिताभ किसी भी संवाद को इतने जीवंत ढंग से बोल लेते हैं कि वह संवाद कला का पैमाना बन जाता है। अपनी भारी और मौलिक आवाज में अमिताभ ने जो गाने गाये हैं, उन्हें बहुत मकबूलियत हासिल हुई है। क्योंकि अमिताभ अभिनेता की तरह ही गायक भी नेचुरल हैं। अमिताभ की बहुत सारी खूबियों में एक खूबी जो उन्हें सबसे अलग और बेजोड़ बनाती है, वह अभिनय के लिए उनमें मौजूद भूख है। 76 साल की उम्र में भी वह एक ही समय में आठ-आठ फिल्मों में काम कर रहे हैं। टेलीविजन की दुनिया का सबसे मशहूर कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ प्रस्तुत कर रहे हैं और तमाम सामाजिक कार्यक्रमों में भी वह मौजूद रहते हैं। मुझे उनकी यह एनर्जी अचंभित करती हैं। मैं सबसे पहले जब अमिताभ से मिला था, तो उनके लुक, उनकी बॉडी आदि से नहीं प्रभावित हुआ था बल्कि उनके जबरदस्त आत्म-विश्वास का पहली ही मुलाकात में मुरीद हो गया था। 
अमिताभ में एक गजब की दैहिक भाषा है। अमिताभ जितने प्रभावशाली सदेह दिखते हैं, उससे कई गुना ज्यादा प्रभावशाली अपनी छवि में दिखते हैं। इसलिए देखा जाए तो अमिताभ सैल्यूलाइड के सबसे उपयुक्त अभिनेता हैं। अमिताभ की यह दैहिक भाषा ही है, जिसके करोड़ों-करोड़ मुरीद हैं, भले वे लोग इसे अपने शब्दों में व्यक्त न कर पाते हों। कुल मिलाकर अगर एक शब्द में कहें तो सदी के महानायक अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के अनमोल रत्न हैं।  (सलीम खान बॉलीवुड की सबसे मशहूर पटकथा लेखक जोड़ी सलीम-जावेद का हिस्सा रहे हैं। अमिताभ बच्चन ने उनकी लिखी करीब एक दर्जन पटकथाओं में अभिनय किया है। यह लेख लोकमित्र के साथ उनकी कई किस्तों में हुई बातचीत पर आधारित है)    

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर