भारी वर्षा व बाढ़ से आलू में तेज़ी के आसार

नई दिल्ली,2 अक्तूबर (एजेंसी): उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई भारी वर्षा और कई क्षेत्रों में बाढ़ आने के बावजूद भी बीते महीने यहां यूपी के आलू में 50 रुपए प्रति  50 किलोग्राम की घटाबढ़ी हुई। समीक्षागत महीने के आरंभिक सप्ताह में यहां पर यह 700 रुपए प्रति 50 किलोग्राम पर बना हुआ था। इसके बाद आवक सुस्त पड़ने तथा लिवाली बढ़ने से दूसरे सप्ताह में यह 50 रुपए तेज होकर 750 रुपए हो गया। तीसरे सप्ताह में लिवाली घटने से यह इतना ही मंदा होकर 700 रुपए के आरंभिक स्तर पर आ गया। मासांत में फिर वर्षा और बाढ़ के कारण यह 50 रुपए तेज होकर 750 रुपए हो  गया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई भारी वर्षा और इसके बाद बाढ़ आने की वजह से आलू की आवक प्रभावित होने की आशंका है। पंजाब से नई फसल शुरू होने में अभी करीब एक-डेढ़ महीने का समय शेष है। इस स्थिति को देखते हुए अगले कुछ दिनों तक यहां पर आलू की आपूर्ति घट सकती है। आलू में इस सुस्ती का प्रमुख कारण यह है कि ऊंची कीमत पर उठाव सुस्त पड़ गया है लेकिन वर्षा की वजह से मौसमी सब्जियों को हानि होने के कारण इसमें मंदी ज्यादा नहीं आ पाई। हालांकि दाल-दलहनों की कीमत नीची बनी होने से आलू का उठाव भी सीमित हो गया है। उत्तर प्रदेश  में फसल की क्वालिटी अच्छी आने और चिप्स बनाने वाली कम्पनियों की लिवाली निकलने से बाजार की धारणा प्रभावित हुई और इसमें नवीनतम तेजी आई है। जनवरी के दूसरे पखवाड़े से लेकर मार्च तक उत्तर प्रदेश का आलू स्टॉक करने की दृष्टि से उत्तम होता है। पिछले सीजन के दौरान आई तेजी की वजह से इस बार पंजाब और उत्तर प्रदेश में बुवाई अधिक हुई है। उत्तर प्रदेश से फरवरी महीने में बढ़िया क्वालिटी का आलू आना शुरू होता है। स्टोर करने के लिए भी फरवरी या इसके बाद आने वाला आलू अच्छा माना जाता है। चिप्स जैसे मूल्यवर्द्धित उत्पाद बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियां फरवरी के आसपास ही अपनी खपत के अनुरूप आलू की खरीद उत्तर प्रदेश में शुरू करती हैं। इससे पूर्व पंजाब स्थित पैप्सिको कम्पनी अपनी गृह राज्य से ही खरीद करती है। हालांकि लागत को देखते हुए पिछले वर्ष पैप्सिको ने पंजाब की बजाय बंगाल से खरीद को प्राथमिकता दी थी।  श्रीलंका में इस बार आलू की फसल को  भारी नुकसान पहुंचा है। इस स्थिति को देखते हुए भारत इसका लाभ उठा सकता था, लेकिन पाकिस्तान इसका फायदा उठाते हुए वह श्रीलंका को आलू निर्यात कर रहा है, क्योंकि  कीमत भारत की तुलना में नीची है। अगले महीने आलू में थोड़ी तेजी आने की उम्मीद है।