गेहूं में तेजी जारी : बारीक चावल उछलकर सुस्त पड़ा : दालें सुस्त

नई दिल्ली, 17 नवम्बर (एजैंसी): गत सप्ताह कच्ची मंडियों से गेहूं की आवक घट जाने से इसमें 30 रुपए क्विंटल का उछाल आ गया। इसके अलावा बारीक चावल 300 रुपए उछलने के बाद सप्ताहांत में 200 रुपए दब गया। मोटे अनाज भी सप्ताहांत में आवक बढ़ने से नरम हो गए। इसके अलावा दालें भी सब्जियों के दबाव से सुस्त पड़ गयी।आलोच्य सप्ताह गेहूं की आवक यूपी, हरियाणा, राजस्थान, एमपी से यहां 30 प्रतिशत घट गयी। दूसरी ओर एफसीआई का गेहूं 2190 रुपए एक्स गोडाउन के पड़ते से यहां महंगा आने लगा। फलत: मिल क्वालिटी गेहूं 25/30 रुपए बढ़कर कच्ची मंडियों का 2280/2290 रुपए एवं वेयरहाउस व एफसीआई का 2300 रुपए बिक गया। आटा, मैदा, सूजी के भाव भी मजबूती लिये बंद हुए। इधर बारीक चावल सप्ताह के पूर्वार्ध में धान के भाव बढ़ने से 300/400 रुपए बढ़ गये थे, लेकिन बाद में धान के भाव 50/75 रुपए घट जाने एवं स्टॉकिस्टों की लिवाली ठंडी पड़ जाने से 1121 सेला व स्टीम सहित सभी प्रजाति के बासमती चावल में 200 रुपए की करेक्शन आ गयी। नरेला मंडी में जो 1121 धान 2800 रुपए से उछलकर 3000 रुपए बिक गया था, उसके भाव 2875/2900 रुपए बोलने लगे, लेकिन व्यापार 2875 रुपए तक सुना गया। इस वजह से चावल में लिवाल गायब हो गये। चावल 1121 सेला 5200/5300 रुपए से बढ़कर 5500/5600 रुपए बिकने के बाद 5400/5500 रुपए अंत में रह गया। इसी क्रम में शरबती 1401 एवं 1509 चावल में भी नरमी दर्ज की गयी। बाजरा भी  1950 रुपए मौलीबरवाला पहुंच में बिकने के बाद 1920 रुपए रह गया। यह सप्ताह के पूर्वार्ध में 1900 रुपए से उठना शुरू हुआ था। इसी तरह मक्की भी एमपी के माल के दबाव से 75 रुपए टूटकर यहां गोदाम से उट्ठू 2025 रुपए एवं राजपुरा, पानीपत, सफीदों एवं भिवाड़ी पहुंच में 2025/2050 रुपए रह गयी। दलहनाें में उड़द, सट्टेबाजी के चलते 300 रुपए गिरकर एसक्यू 8400/8500 रुपए नीचे में बनने के बाद पुन: 8700/8800 रुपए पर पहुंच गया। तुअर, चना, मसूर पिछले सप्ताह की तुलना में मुलायम रहे।