नंगल को पर्यटन स्थल बनाने हेतु सरकार गंभीर नहीं

नंगल, 7 दिसम्बर (गुरप्रीत सिंह ग्रेवाल) : प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तथा भाखड़ा डैम के  कारण मशहूर नंगल-भाखड़ा यात्रा करने पहुंचे सैलानी निराशा के आलम में वापिस लौटते हैं, क्योंकि भाखड़ा डैम क्षेत्र में खौफ का माहौल है और नंगल में सैलानियों के लिए सहूलतों की बहुत ज्यादा कमी है। सुरक्षा कारणों के चलते डैम क्षेत्र में लगाई बहुत ही सख्त पाबंदियां तर्कसंगत हैं परन्तु नंगल तो आतंकवादियों के निशाने पर नहीं है। नंगल में हर बर्ष पांच लाख से अधिक टूरिस्ट आते हैं। पंजाब सरकार ने नवीनीकरण के चक्कर में ‘कदम्बा’ भी बीच में लटका दिया। अच्छा भला चल रहा यह टूरिस्ट बंग्ला सरकार ने बंद कर दिया है। पंजाब के टूरिंज्म मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने अपनी, आंखों के साथ कदम्बा टूरिस्ट काम्प्लैक्स की बर्बादी देखी है, परन्तु हालात ‘पंचां दा केहा सिर मत्थे परनाला उत्थे दा उत्थे’ चन्नी साहिब से पहले ‘ठोको ताली फेम मंत्री’ नवजोत सिंह सिद्धू भी नंगल दौरे दौरान बातों का हलवा बना गए थे। आज यह हाल है कि कदम्बा की इमारत खंडहर बन गई है। कदम्बा टूरिस्ट कम्पलैक्स के आखिरी ठेकेदार ठाकुर केहर सिंह रघुवंश ने बताया कि सरकारी आंधी कारण घर-घर रोज़गार तो क्या मिलना, सरकार खुद ही सरकारी अदारे बर्बाद कर रही है। आर. टी. आई. कार्यकर्ता  योगेश सचदेवा, कौंसलर शिवानी ठाकुर आदि ने कहा कि यह बड़े ही दुख की बात है कि स्पीकर राणा के. पी. सिंह का ड्रीम प्रोजैक्ट ‘सतलुज पार्क प्रोजैक्ट’ भी तबाह हो गया है। पार्क प्रोजैक्ट पर लगे करोड़ों रुपए कुंए में जा गिरे हैं क्योंकि न तो कभी बोटिंग शुरू हो सकी और न ही आधुनिक पार्क बन सका। हां एक करोड़पति स्विमिंग पुल जरूर स्कैंडल बन गया जो चल ही नहीं सका। इस प्रोजैक्ट में शामिल ‘मछली के आकार जैसा रैस्टोरैंट तो नहीं बन सका, मछली की दुकानों जरूर पैदा हो गई। आज पार्क प्रोजैक्ट नशेड़ियों का अड्डा है, जब कि यह सैलानियों के केन्द्र के  रूप में विकसित किया जाना चाहिए था। भाखड़ा डैम के निर्माण समय (1948-63) भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू 13 बार नंगल आए। पंडित नेहरू और चीन के प्रमुख चायो एन ली के बीच ऐतिहासिक पंचशील समझौता भी 28-4-1954 को सतलुज झील के किनारे पर स्थित ‘शीशा घर’ में हुआ था। सैलानियों की यह मांग भी है कि ऐतिहासिक शीशा घर आम लोगों के लिए हर रोज़ प्रात: काल 9 से 12 बजे तक खोला जाये। इसी दौरान प्रसिद्ध समाज सेवक नवाब फैसल खान, रहमत अली, मैडम कमलेश नड्डा आदि ने यह मांग भी की है कि भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड की तरफ से नंगल में बनाए जाने वाले संग्रहालय का नाम पंडित जवाहर लाल नेहरू म्युज़ियम रखा जाए।