" वर्ष 2019 : व्यापार और सांझ पर भारी रही सीमा पर राजनीतिक तल्खियां " भारत-पाक में स्थिति रही कड़वी व तनावपूर्ण

अमृतसर, 23 दिसम्बर (सुरिन्दर कोछड़): भारत और पाकिस्तान मध्य वर्ष 2019 दौरान पैदा हुई सीमा तथा राजनीतिक कड़वापन जहां इंटैग्रेटिड चैक पोस्ट (आई.सी.पी.) अटारी, चक्कण का बाग (पुंछ सैक्टर) और उड़ी चखौटी (कश्मीर) द्वारा दोनों देशों में चल रहे द्विपक्षीय व्यापार पर भारी रहीं, वहीं भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर को धारा 370 के तहत मिलने वाले विशेष अधिकारों को समाप्त करने के फैसले के बाद पाकिस्तान द्वारा भारत से लगभग सभी कूटनीतिक संबंध भी समाप्त कर दिये गये। पाक सरकार की उक्त कार्रवाई से जहां दोनों तरफ के व्यापारियों को प्रतिदिन करोड़ों रुपये का नुक्सान पहुंच रहा है, वहीं इस कार्रवाई से सीमा के दोनों तरफ माल की ढुलाई करने वाले हज़ारों कुली, कस्टम हाऊस एजेंट और ट्रक ड्राईवर दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो चुके हैं। वर्ष 2019 दौरान लगभग पूरा वर्ष भारत और पाक के मध्य स्थिति कड़वी और तनावपूर्ण बनी रही। यह कड़वापन पाकिस्तान आधारित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा जम्मू कश्मीर के पुलवामा पर किये आत्मघाती हमले से शुरू हुई। इस आत्मघाती हमले में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस फोर्स (सी.आर.पी.एफ.) के 40 से अधिक जवान मारे गये थे। भारत ने इस हमले की जिम्मेवारी लेने वाले पाबंदीशुदा संगठन के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की धमकी दी और फिर 26 फरवरी की रात को आज़ाद कश्मीर के बालाकोट क्षेत्र में हवाई हमले करके आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाने का दावा किया। पाकिस्तान ने दोनों देशों के मध्य हुए समझौते की परवाह न करते हुए समझौता एक्सप्रैस और दोस्ती बस पर भी रोक लगा दी।  यहीं बस नहीं पाकिस्तान द्वारा दोनों देशों के मध्य चल रही डाक सेवा भी रद्द कर दी गई। दोनों देशों के बिगड़ रहे हालातों के बावजूद करतारपुर गलियारा प्रोजैक्ट प्रभावित नहीं हुआ और 9 नवम्बर को भारत और पाकिस्तान के बीच साझे तौर पर इसको भारतीय संगत के लिए खोल दिया गया। जिस दिन करतारपुर गलियारे का उद्घाटन हुआ, उसी दिन ही भारतीय अदालत ने ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद बारे सुरक्षित फैसला दिया था। उसके बाद भारत और पाकिस्तान के मुसलमानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।