बिजली चोरी की वजह से ही हो रही है हर वर्ष बिजली महंगी

जालन्धर, 12 मार्च (शिव शर्मा) : राज्य में कुछ समय से महंगी होती जा रही बिजली का मुद्दा अब राजनीतिक बनता जा रहा है इस करके चाहे अभी विधानसभा चुनावों के लिए दो साल का समय पड़ा है पर अभी से ही राजनीतिक पार्टियों ने बिजली के मुद्दे को लेकर गंभीर होना शुरू कर दिया है। दिल्ली में सूपड़ा साफ जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने तो राज्य में महंगी बिजली का मुद्दा हर प्लेटफार्म पर उठा कर संकेत देने शुरू कर दिए हैं कि 2022 के चुनावों में उसका मुख्य मुद्दा महंगी बिजली का होगा। प्रदेश कांग्रेस ने भी इस तर्ज पर काम करना शुरू कर दिया है पर इस बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होगी कि राज्य में करीब 800 करोड़ के करीब बिजली चोरी होने के कारण ही हर साल बिजली महंगी हो रही है। यदि पॉवरकॉम सिर्फ बिजली चोरी पर ही पूरी तरह से रोक लगाने में सफल हो जाए तो आने वाले कई सालों तक बिजली महंगी करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों में बिजली लाइनों को काफी ज्यादा नुकसान है पर इस मामले में पॉवरकॉम ने काफी सुधार किया है कि उस ने कई जगहों पर लाइनों में सुधार करके अपनी लाइनों के नुकसान 14 प्रतिशत के करीब कम कर दिए हैं। लाइनों के नुकसान उनमें गिने जाते है जिन स्थानों पर बिजली की लाइनें खराब होने के साथ बिजली का नुकसान करीब 30 प्रतिशत के करीब है। पॉवरकॉम ने इन स्थानों पर बिजली चोरी रोकने के लिए प्रयत्न करने शुरू कर दिए है पर इन मामलों को रोकने के लिए सियासी रूकावटें आने से चोरी को पूरी तरह से रोकने के लिए पॉवरकॉम के अब तक किए गए प्रयत्न पूरी तरह से सफल नहीं हो रहे है। पर जो बिजली चोरी से पॉवर कॉम का नुकसान होता है, उस की भरपाई भी ईमानदारी से बिजली के बिल देने वाले खपतकारों के ऊपर बिजली महंगी करके पूरा किया जाता है। अगर हर साल इस क्षेत्र में ही पॉवरकॉम सुधार कर ले तो उस का नुकसान कम हो जाएगा।