घातक साबित हो सकते हैं प्रयोग कर ज़मीन पर खुले में फेंके मास्क

पटियाला, 25 मार्च (अ.स.): कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए एहतियात चाहे एक ही ढंग है परन्तु इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा लापरवाही या अनजाने में प्रयोग कर फेंका मास्क घातक साबित हो सकता है। जहां यह मास्क आम लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है वहीं कूड़े के ढेर पर पड़े गंदे मास्क सफाई सेवकों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरे की घंटी हैं। हैरानी की बात यह है कि सिविल सर्जन पटियाला को स्वयं इसको समाप्त करने बारे जानकारी तक नहीं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए बहुत से लोगों द्वारा एक-दूसरे से सुरक्षित रहने के लिए मुंह पर मास्क का प्रयोग किया जा रहा है। प्रयोग के बाद यह मास्क ज़मीन में दब कर या रसायनिक घोल में डालना होता है परन्तु कई लोग लापरवाही व जागरूकता की कमी के कारण रोज़ाना वाला डाक्टर मास्क प्रयोग कर खुले स्थानों पर फेंक रहे हैं। इस तरह खुले में ज़मीन पर फेंका मास्क कूड़ा उठाने वाले सफाई सेवकों के शरीर को छूने के कारण घातक साबित हो सकता है। इसके अतिरिक्त रिहायशी क्षेत्रों की गलियों-नालियों व खुले में फेंके मास्क छोटे बच्चों की पहुंच में आ सकते हैं तथा इसका खमियाज़ा इनको भरना पड़ सकता है। इस संबंधी कोरोना संबंधी बनाए गए नोडल अधिकारी डा. सुमीत सिंह ने बताया कि वैसे हाल की स्थिति में इस मास्क की ज़रूरत केवल डाक्टरी स्टाफ मरीज़ या मरीज़ की देखभाल वाले को ही है। दूसरे लोग इसको लगाकर बल्कि गलत कर रहे हैं।