संकट में जमाखोरी करना शर्मनाक

कहते हैं कि संकट के समय संयम साहस और समझदारी किसी भी अन्य व्यवस्था और उपलब्ध संसाधनों से ज्यादा प्रभावी होते हैं, लेकिन वर्तमान में महामारी कोरोना संकट के समय, जब समूची धरती पर मानव के अस्तित्व पर ही ़खतरा मंडरा रहा है, जमाखोर आवश्यक खाद्य पदार्थों और अन्य वस्तुओं की जमाखोरी करके किसके लिए रखना चाह रहे हैं, यह समझ से बाहर है। कोरोना की भारी मार से त्रस्त इटली के लोगों ने अपना धन सड़कों पर फेंक दिया, यह कह कर कि  कोरोना की मौत की बारिश में यह धन किस काम का। हमारा देश विकसित देश नहीं है, और हमारे संसाधन सीमित हैं। इसलिए दुकानदारों को ज़रूरत से ज्यादा सामान खरीद कर रखने की प्रवृत्ति को त्याग कर देश को और देश के गरीब लोगों को विकट स्थिति में ले जाने से बचना चाहिए। ऐसे भी लोग हैं जो अपनी कमाई कोरोना से लड़ाई में किसी न किसी रूप में लगा कर पुण्य के भागी बन रहे हैं। ज़रा सोचिए।

-अक्षित आदित्य तिलक राज गुप्ता