असुविधा आफत में न बदल जाये, ध्यान रखना ज़रूरी : मोदी

नई दिल्ली, 29 मई  ( उपमा डागा पारथ ) : कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहे देशवासियों को हौसला देते हुए और उनके जज्बे को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी ज़रूरी संशोधनों का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि जीवन में हो रही असुविधा व कहीं आफत में न नाम बदल जाए। प्रधानमंत्री ने यह संदेश देशवासियों के नाम लिखे पत्र के माध्यम से दिया। यह संदेश उन्होंने केन्द्र सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर लिखा है। प्रधानमंत्री ने 3 पन्नों के पत्र में पिछले एक वर्ष में सरकार द्वारा किए कामकाज का पूरा ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि यदि हालात सही होते तो वह स्वयं लोगों में आकर उनका आर्शीवाद लेते। वर्णनीय है कि लोकसभा चुनाव 2019 में 303 सीटें जीत कर दूसरी बार बहुमत वाली सरकार कायम करने वाली मोदी सरकार का एक वर्ष 30 मई को पूरा हो गया है। जहां सरकार के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर केन्द्र सरकार द्वारा किए कार्यों का लेखा-जोखा देते हुए एक पुस्तक छपवाई गई थी। इस बार कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई स्थिति के कारण मोदी सरकार ने प्रथम वर्षगांठ के जश्न वर्चुउल ही मनाने का फैसला किया है। इस कवायद के तहत भाजपा नेता 750 वर्चुउल रैलियां और 1000 ई-कांफ्रैंसिंग करेंगे। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 करोड़ परिवारों को उक्त पत्र भेजेंगे। प्रधानमंत्री ने जहां 2014 में मिली जीत को बदलाव के लिए दिया वोट करार दिया। उन्होंने पहले कार्यकाल को ज़रूरतों की पूर्ति के लिए समर्पित कार्यकाल करार दिया। जिसके दौरान सरकार की गरीब पक्षीय नीतियों, बैंक खाते, मुफ्त गैस कनैक्शन, जीएसटी लागू करना, वन रैक वन पैंशन, किसानों की मांग पूरी करने आदि का विशेष जिक्र किया।  मोदी ने 2019 में मिली जीत को देश के बड़े सपने के लिए मिला फतवा करार दिया। उन्होंने धारा 370, तीन तलाक, नागरिकता संशोधन व राम मंदिर निर्माण को सरकार की उपलब्धियों के रूप में पेश करने के साथ-साथ किसान सम्मान निधि व  छोटे दुकानदारों के लिए पैंशन, व्यापारियों आदि के हितों के लिए उठाए गए व घोषित किए गए कार्यों का भी जिक्र किया। कोरोना महामारी के कारण विकास कार्यों में आए ठहराव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों की सामूहिक समर्था को देश की ताकत बताया। उन्होंने कहा कि हम इकट्ठे  होकर कोई भी संकट पार कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट और देशवासियों की प्रशंसा करने के साथ-साथ ताली-थाली बजाने और दीए जलाने का भी विशेष जिक्र करते हुए इसको सामूहिक जज्बा करार दिया। प्रधानमंत्री ने प्रवासी मज़दूरों और अन्य निचले वर्गों को लॉकडाऊन के कारण दरपेश आई परेशानियों को पत्र में शामिल करते हुए कहा कि इतने बड़े संकट में कोई यह दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ न हो। उन्होंने कहा कि  इन वर्गों की परेशानियां दूर करने के लिए कोशिश की जा रही है। उन्होंने पत्र के आखिर में भावुक संदेश देते हुए कहा कि देश के सामने अभी कई चुनौतियां हैं जिनके लिए बहुत कुछ करना है। मोदी ने कहा कि वह कोशिश कर रहे हैं। उनमें कमी हो सकती है परंतु देश में कोई कमी नहीं है। मोदी ने संकट की घड़ी को संकल्प की घड़ी बनाने की अपील करते हुए देशवासियों को उन पर भरोसा बनाए रखने के लिए धन्यवाद किया।