इंडियन बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज करवाने वाले पैरा तैराक समश आलम 

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पैरा तैराक खिलाड़ी मोहम्म्द समश आलम ने तैराकी में शानदार प्रदर्शन करके इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करवा लिया है और  उसने अपना ही नहीं बल्कि बिहार प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। 8 दिसम्बर, 2019 को बिहार तैराक संघ द्वारा पटना के लॉ कालेज घाट पर गंगा नदी में ओपन तैराकी चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया जिसमें 24 आम तथा पैरा यानी अपाहिज तैराकों ने हिस्सा लिया, जिसमें समश आलम ने दो किलोमीटर की तैराकी 12 मिनट 23 सैकिंड में तय करके जीत प्राप्त ही नहीं की बल्कि उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो गया। समश आलम का कहना है कि उसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर  जो उपलब्धियां हैं, उनको लेकर वह एशियन बुक ऑफ रिकार्र्ड्स, लिमका बुक ऑफ रिकार्ड्स तथा गिनीज़ बुक में भी अपना नाम करवाने हेतु यत्न करेगा। समश आलम अमरीका  के अलावा विश्व के अधिकतर देशों में तैराकी के जलवे दिखा कर अनेक मैडल और खिताब अपने नाम करके भारत का नाम चमका चुका है। समश आलम मार्शल आर्ट  में भी ब्लैक बैल्ट विजेता है। इसके अलावा वर्ष 2017 में गोवा में एक ट्रैवल कम्पनी द्वारा उमोजा बीच पर 8 किलोमीटर  की तैराकी चार घंटों में तैर कर रिकार्ड अपने नाम कर चुका है। जुलाई 2017 में ही जर्मनी के शहर बर्लिन में पैरा वर्ल्ड स्ंिवमिंग चैम्पियनशिप में 54 देशों के 634 खिलाड़ियों में अपना शानदार प्रदर्शन कर सातवें रैंक पर रहा। वर्ष 2018 में इंडोनेशिया के शहर जकार्ता में हुए पैरा खेलों में भी वह तैराकी के जौहर दिखा चुका है। समश आलम लकवे का शिकार है। वर्ष 2010 में रीढ़ की हड्डी में दर्द उठा। मुम्बई के अस्पताल में इलाज भी हुआ पर दुर्भाग्य से वह ठीक न हो सका और वर्ष 2012 में डाक्टरों ने उसके अपाहिज हो जाने की पुष्टि कर दी। व्हीलचेयर के सहारे दिन गुज़रने लगे परन्तु हिम्मत नहीं हारी और आज वह देश का प्रसिद्ध पैरा खिलाड़ी है। उसकी प्राप्तियों के कारण उस पर गर्व करते हुए बिहार सरकार तथा बिहार विकलांग स्पोर्ट्स अकादमी उसे सम्मानित कर चुकी है। पर समश आलम गर्व से कहता है कि मेरा असली सम्मान तब होगा जब वह पैरा ओलम्पिक में गोल्ड लेकर आएगा। 

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