बरसात में तकलीफ देता अस्थमा

बरसात का मौसम आता है तो अस्थमा जिसे आम बोलचाल में दमा कहते हैं, की परेशानी बढ़ जाती है। अस्थमा का यह उपद्रव वातावरण में नमी होने के कारण होता है। अस्थमा के रोगी की श्वास नली संवेदनशील होती है इसलिए किसी भी बाह्य कारकों जैसे - धूल के कण, धुआं, पराग कण, कारखानों की रासायनिक गैस वातावरण की निचली सतह पर फैल जाते हैं। इससे श्वांस लेने में रोगी को परेशानी होती है। यह श्वांसनली तब सिकुड़ जाती है और अस्थमा का अटैक पड़ने लगता है।
अस्थमा के लक्षण
* श्वास लेने में परेशानी।* खांसी आना और दम घुटना। * श्वास लेते समय सीटी बजने की आवाज आना। * सोते समय बेचैनी लगना। * सर्दी की शिकायत बढ़ना। * कुर्सी टेबल पर बैठकर सामने की ओर थोड़ा झुककर श्वास लें। कुछ आराम मिलेगा। * गुनगुने पानी का सेवन करें। गर्म व हल्का भोजन करें।*संभव हो तो गर्म पानी की भाप लें।* अस्थमा के वे रोगी जो अटैक आते समय पफ (बोंकोडायलेटर) पर निर्भर रहते हैं, वे अटैक के समय पफ लें और कुछ देर विश्राम करें।  *अस्थमा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ न लें। *तबियत ज्यादा खराब हो तो अपने डॉक्टर से मिलें।

(स्वास्थ्य दर्पण)