बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक बनी  साइना नेहवाल

‘पद्म भूषण’ से सम्मानित ओलम्पियन साइना नेहवाल को बैडमिंटन के खेल को भारत में लोकप्रिय करने के लिए जाना जाता है। पूरे विश्व में पहले रैंक पर रह चुकी साइना को बैडमिंटन के प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में मैडल प्राप्त करने का गौरव हासिल है। हरियाणा मूल की साइना का जन्म 17 मार्च, 1990 को पिता हरवीर ंिसंह नेहवाल तथा माता ऊषा रानी के घर हिसार में हुआ। उनको बैडमिंटन खेलने की पे्ररणा अपनी माता से मिली जो कि खुद एक अच्छी खिलाड़ी रह चुकी है। जूनियर खेल की शुरुआत : 16 वर्ष की आयु में साइना ने सन् 2006 में इंचियान में हुए विश्व बैडमिंटन जूनियर चैम्पियनशिप के सैमीफाइनल मुकाबले में दक्षिण कोरिया की बे यून जू को 25-21, 21-13 के अंतर से हराकर रजत पदक हासिल किया। पुणे में सन् 2008 में हुए कामनवैल्थ यूथ खेलों और विश्व बैडमिंटन जूनियर चैम्पियनशिप के मुकाबलों में नेहवाल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दोनों में ही स्वर्ण पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया। अंतर्राष्ट्रीय खेल उपलब्धियां : साइना ने अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में धमाकेदार शुरुआत की जब उन्होंने 2010 के कामनवैल्थ खेलों के एकल मुकाबले में मलेशिया की मिऊ वांग को 19-21, 23-21, 21-13 के अंतर से मात देकर स्वर्ण पदक देशवासियों को तोहफे के रूप में भेंट किया और मिक्सड मुकाबले में रजत पदक भारत को मिला, साइना उसका भी हिस्सा बनी। इसी वर्ष एशियन चैम्पियनशिप के एक अहम मुकाबले में मलेशिया की वांग मिओ चू को 21-5, 21-13 के अंतर से हरा कर कांस्य पदक हासिल किया। साइना नेहवाल 2012 के ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक भारत को जिताने वाली महिला बैडमिंटन की पहली खिलाड़ी बनी। 2015 वर्ष साइना के लिए अहम रहा। इस वर्ष में उसने पहली बार विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के एकल मुकाबले में रजत पदक प्राप्त किया और 2 अप्रैल, 2015 को पूरे विश्व के बैडमिन्टन खिलाड़ियों में पहले स्थान पर पहुंच गई। उन्होंने गोल्ड कोस्ट में 2018 के कामनवैल्थ खेलों के बैडमिंटन एकल मुकाबले में अपने ही देश की पी.पी. सिंधु को 21-18, 23-21 के अंतर से मात देकर स्वर्ण पदक हासिल किया। इन अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों के अतिरिक्त भी अनेक कप जैसे सिंगापुर ओपन, स्विस ओपन, हांरा कांरा सुपर सीरीज़, थाईलैंड ओपन, इंडिया ओपन, सैयद मोदी ग्रैंड परिक्स, इंडोनेशिया ओपन, सुपर सीरीज़ टाइटल, ताई पई ओपन, फिलीपीन्स ओपन, डैनमार्क ओपन अपने नाम कर चुकी हैं। बैडमिंटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान डालने के कारण भारत सरकार साइना को अर्जुन अवार्ड (2009), पद्मश्री (2010), राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (2009-2010) तथा पद्म भूषण (2016) से सम्मानित कर चुकी है। उनके द्वारा अपने जीवन पर आधारित पुस्तक ‘प्लेइंग टू विन’ (2012) लिखी गई है, जो कि लोगों ने बहुत पसंद की है। साइना 14 दिसम्बर, 2018 के बैडमिंटन खिलाड़ी परुपली कश्यप के साथ शादी करके खुशहाल विवाहित जीवन व्यतीत कर रही है।

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