अनुष्का  शर्मा मेरा सारा फोकस काम पर रहता है

यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी आखिरी फिल्म ‘जब तक है जान’ के लिए अनुष्का शर्मा को सर्वश्रेष्ठ सहायक भूमिका के लिए फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया।  अनुष्का शर्मा ने पिछले साल आनंद एल राय निर्देशित ‘जीरो’ में शाहरूख खान के अपोजिट आफिया नाम की ऐसी साइंटिस्ट लड़की का किरदार निभाया जो इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी की शिकार है  लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि मेरा वह एक्सपेरीमेंट फेल हो गया।  अनुष्का चाहती थी कि अपने किरदार की आत्मा को बाहर ला सकूं और मुझे लगता है कि मैं उसमें पूरी तरह सफल रही।   हो सकता है लेकिन मैंने अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू करते वक्त ऑडियंस के साथ जो कमिटमेंट किया था, उस पर मैं पूरी तरह कायम हूं।
फिल्म कमर्शियली उतनी कामयाब न भी हो लेकिन यदि आपका काम लोगों को पसंद आता है तो उसका फायदा आपको जरूर मिलता है। इसलिए मेरा सारा फोकस हर वक्त अपने काम पर होता है।  जब इस दुनिया में हूं तो इसके कायदे कानून से भला मैं किस तरह बच सकती हूं। वह मुझ पर भी उतने ही लागू होंगे जितने किसी दूसरे पर। दूसरों की तरह नाकामी से मेरा मन भी बेचैन होता है। कामयाबी पर खुशी और नाकामी पर दुखी होना स्वाभाविक है। आपने जो काम किया है, यदि लोगों को पसंद आता है तो राहत की फीलिंग होती है।