सायना का यादगारी मैच आस्ट्रेलिया ओपन अपने नाम किया

सायना नेहवाल भारत की एक  अद्भुत बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। यह भारत की पहली महिला खिलाड़ी हुई हैं जिसने ओलम्पिक में भारत का पदक लेने का द्वार खोला और 2012 में लंदन में भारत की झोली में  कांस्य पदक डाला। यह एक मध्यवर्गीय परिवार के प्रो. हरबीर सिंह की बेटी है, जिसका जन्म हिसार में हुआ। इसने अपनी प्राथमिक बैडमिंटन की ट्रेनिंग हिसार कैम्पस में प्राप्त की। बाद में यह परिवार हैदराबाद चला गया। विश्व में भारत का इस खेल में झण्डा ऊंचा करने वाली इस युवती ने कई अंतर्राष्ट्रीय मैच अपने नाम किए हैं। इनमें से एक विशेष टूर्नामैंट आस्ट्रेलिया ओपन है, जिसकी विश्व में बहुत मान्यता है। आस्टेलिया ओपन सुपर सीरिज़ का मैच था, जिसके साथ बहुत सी धन-राशि थी, जो लगभग 56,500 डालर बनती है। यदि विश्व रैंकिंग की बात करें तो उस समय की 6 नम्बर रैंकिंग वाली सायना नेहवाल और विश्व की 11 रैंक वाली एवं एक मेधावी तेज़ी से आगे बढ़ रही स्पेन की कारोलीना मारेन के बीच मैच हो रहा था।  विशेषज्ञों के अनुसार यह वह समय था जब सायना ने बुलंदियां छूहनी शुरू की थीं और कारोलीना मारेन इस खेल में आगे बढ़ रही थी, जैसे विश्व रैंकिंग से पता चलता है। यह बताना भी आवश्यक है कि दोनों के बीच पहले भी एक मैच हो चुका था और सायना ने यह मैच भारत की झोली में डाला था। इस लिए इस पूरे मैच में कारोलीना मारेन सायना के खेल से प्रभावित हो कर दबी हुई खेल रही थी। जब मैच शुरू हुआ तो सायना ने एक बाडीशॉट मारा और अंक अपने नाम कर लिया। इस पहली गेम के मध्य तक सायना लीड पर रही। पहली गेम के मध्य तक सायना 11-7 से लीड कर रही थी। मारेन सदा पीछा ही करती रही। फिर स्कोर 15-10 हो गया। मारेन गलतियां ही करती रही और स्कोर 17-12 पर पहुंच गया। बाद में सायना ने कुछ गलतियां जजमैंट की कीं और स्कोर 20-19 हो गया। पहली गेम सायना ने अपने नाम 21-19 से कर ली। दूसरी गेम के शुरू में तो मारेन 3-1 से आगे थी परन्तु इस समय सायना ने गेम अपने मज़बूत हाथों में ले ली और पूरी गेम में मारेन को आगे-पीछे दौड़ाया। लगातार सायना अंक बटोरती रही और स्कोर मध्य तक 11-4 पर सायना के पक्ष में था। जब स्कोर 19-9 पर था तो एक सायना की ओर से चैलेंज गया और स्कोर 20-11 हो गया। सायना को अब स्कोर 9 गेम प्वाइंट मिल गए थे। इस अंतिम अंक पर सायना ने ताकतवर बाडी स्मैश लगाकर गेम को 21-11 से जीत लिया और आस्ट्रेलिया ओपन भारत की झोली में डाल दिया। इस तरह यह मैच एक ऐतिहासिक मैच बन गया, जो सायना नेहवाल के करियर का महान मैच माना जा सकता है।