मेलबर्न में नये खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन

एडिलेड टैस्ट में भारत को आस्ट्रेलिया से मिली करारी हार के बाद रिकी पोंटिंग आदि ने तो यहां तक भविष्यवाणी कर दी कि ऑस्ट्रेलिया यह श्रृंखला 4-0 से जीतेगी। लेकिन अजिंक्य रहाणे के नेतृत्व में युवा भारतीय टीम के इरादे कुछ और ही थे, वह फिसलने के बावजूद हार मानने के लिए तैयार नहीं थी और नतीजा यह निकला कि मेलबर्न में ऐतिहासिक वापसी करते हुए 8 विकेट से ही ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस तरह यह चार मैचों की यह शृंखला फिलहाल 1-1 से बराबरी पर है। अजिंक्य रहाणे की कप्तानी का भी जबरदस्त महत्व रहा। इस टैस्ट में उन्होंने अपनी विशिष्ट शैली की छाप छोड़ी, जिस तरह से उन्होंने फील्ड सजाया और सूझबूझ के साथ गेंदबाजी में परिवर्तन किया, उसकी चौतरफा तारीफ  हुई है। साथ ही रहाणे ने बल्लेबाजी करते हुए दिखाया कि कप्तानी का बोझ उनके खेल पर नहीं पड़ा है। रहाणे ने पहली पारी में शानदार शतक (112 रन) लगाया।हालांकि ऐतिहासिक दृष्टि से रहाणे का शतक महत्वपूर्ण अवश्य है, लेकिन वह स्वयं इसे अपना सर्वश्रेष्ठ शतक नहीं मानते हैं। वह कहते हैं, ‘कप्तानी का अर्थ है अपने इंस्टिंक्ट पर विश्वास करना, आप जो अंदर से महसूस कर रहे हैं, उस पर अमल करें।’ 
यह जीत इस लिहाज से भी अति महत्वपूर्ण रही कि पृष्ठभूमि में न केवल एडिलेड की करारी हार थी बल्कि अनेक महत्वपूर्ण खिलाड़ियों विराट कोहली, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा व रोहित शर्मा की अनुपस्थिति भी भारतीय टीम को कमज़ोर साबित कर रही थी यानी भारत कम अनुभवी व नये खिलाड़ियों के साथ मैदान में था, जिनमें से दो शुभम गिल व मोहम्मद सिराज, तो अपना पहला टैस्ट खेल रहे थे। फिर यह हुआ कि ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में मात्र 3.3 ओवर गेंदबाजी करने के बाद प्रमुख गेंदबाज उमेश यादव चोटिल होकर मैच से बाहर हो गये यानी भारत एक गेंदबाज कम से खेल रहा था। इसके बावजूद भारत ने शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन किया, ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 195 रन पर समेट दिया और दूसरी पारी में उसे 200 रन पर समेट दिया। भारत के सभी गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की। भारतीय गेंदबाजी के प्रभाव का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि ऑस्ट्रेलिया का एक भी बल्लेबाज दोनों पारियों में अर्द्धशतक नहीं लगा सका और टैस्ट में ऑस्ट्रेलिया के लिया ऐसा पहली बार हुआ है। रहाणे ने अपना पहला मैच खेल रहे गिल व सिराज को विशेषरूप से इस जीत का श्रेय दिया। लो-स्कोरिंग मैच में गिल ने पहली पारी में 45 रन और दूसरी पारी में 35 नाबाद रन बनाये। अपनी पहली गेंद करने के लिए मोहम्मद सिराज 27 ओवर का लम्बा इंतजार करना पड़ा, लेकिन फिर भी उन्होंने अपना संयम बनाये रखा, अच्छी गेंदबाजी करते हुए पहली पारी में 40 रन देकर 2 विकेट लिए और दूसरी पारी में 37 रन देकर 3 विकेट लिए। मेलबर्न के बॉक्सिंग डे टैस्ट में सबसे ज्यादा परेशानी व विवाद का कारण डीआरएस (डिसिजन रिव्यू सिस्टम) रहा, खासकर भारत के लिए। मसलन, ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में मोहम्मद सिराज की गेंद टिम पे के पैड पर लगी और यह सीधा लेग बिफोर विकेट (एलबीडब्लू) का मामला था, लेकिन ऑन-फील्ड अंपायर ने नॉट आउट दिया। भारत के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने रिव्यू का निर्णय लिया और रीप्ले में गेंद को लेग स्टंप क्लिप करते हुए दिखाया गया। यह अंपायर की कॉल थी, इसलिए टिम पे नॉट आउट रहे।  

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर